अर्थव्यवस्था

भारत में बेहतर मॉनसून की संभावना, बंपर पैदावार से महंगाई में आ सकती है कमी: वित्त मंत्रालय

Monsoon Forecast 2024: वित्त मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक तौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर चल रही अनिश्चितता के बावजूद भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहेगी।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- April 25, 2024 | 7:40 PM IST

भारत में आने वाला खरीफ सीजन किसानों के लिए खुशखबरी भरा हो सकता हैं क्योंकि IMD ने इस साल बेहतर मॉनसून की भविष्यवाणी की है। वित्त मंत्रालय ने आज यानी गुरुवार को मार्च महीने के लिए आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट (Monthly Economic Report) जारी करते हुए बताया कि बेहतर मॉनसून की संभावना को देखते हुए खुदरा महंगाई (retail inflation) में और भी कमी आ सकती है।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि वैश्विक तौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर चल रही अनिश्चितता के बावजूद भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहेगी। वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में खुदरा महंगाई में भारी गिरावट देखने को मिली और यह कोविड-19 महामारी के बाद से मार्च 2024 में 3.3 फीसदी के साथ अपने न्यूनतम स्तर पर आ गई।

IMD ने कहा- इस साल सामान्य से अधिक रहेगा मानसून

गौरतलब है कि हाल ही में IMD ने मौसम पूर्वानुमान को लेकर रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि 2024 में मॉनसून करीब 106 फीसदी लंबी अव​धि के औसत (LPA) के साथ सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है। ऐसे में वित्त मंत्रालय का मानना है कि मॉनसून के दौरान देश भर में अच्छी बारिश होने कृषि उत्पादन बढ़ेगा और इससे महंगाई को काबू करने में मदद मिलेगी।

मजबूत बनी रहेगी भारत की अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों और रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत के लिए चालू वित्त वर्ष का ग्रोथ ऑउटलुक पॉजिटिव रखा हुआ है और भारत सबसे तेजी से बढ़ रही प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने हाल ही में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य (WEO) में FY2023-24 के लिए भारत की रीयल GDP ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 7.8 फीसदी किया है।

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि ग्लोबल इकनॉमिक ग्रोथ ऑउटलुक एक बार फिर बढ़त की राह पर है। इससे मंदी की आशंकाओं में कमी और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि में तेजी की स्थिति बन रही है। हालांकि वैश्विक स्तर पर तनाव चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन हाल के घटनाक्रमों के बावजूद जोखिम धारणाएं फीकी पड़ी हैं। इससे वृद्धि तेज होने की संभावना दिख रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक सुस्ती के कारण भारत के व्यापारिक निर्यात और आयात में नरमी आई है। व्यापार मंदी होने से वित्त वर्ष 2023-24 में वस्तु व्यापार घाटा कम हो गया है, क्योंकि आयात की तुलना में निर्यात में कम गिरावट आई है। हालांकि, गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं आभूषण निर्यात ने पिछले कुछ महीनों में निरंतर वृद्धि के साथ जुझारूपन दिखाया है।

बढ़ते सॉफ्टवेयर निर्यात और वाणिज्यिक सेवाओं के निर्यात द्वारा समर्थित, वित्त वर्ष 2023-24 में सेवा निर्यात सबसे तेज गति से बढ़ा। इन कारणों से देश का चालू खाते का घाटा 2023-24 के पहले नौ महीनों में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में बेहतर हुआ है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी मार्च, 2024 में सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

(With input from PTI )

First Published : April 25, 2024 | 6:34 PM IST