प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड, मारुति सुजुकी, ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आयशर मोटर्स उन पांच कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा इंटर्नशिप के मौके दिए हैं। यह जानकारी संसद में पेश की गई कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) की रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि योजना को चलाने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। जैसे, जितनी इंटर्नशिप के मौके कंपनियां दे रही हैं, उतने लोग उसे जॉइन नहीं कर रहे। इसके अलावा, इंटर्नशिप करने वाले लड़के ज्यादा हैं और लड़कियां कम। लड़कों की संख्या 72% है और लड़कियों की 28%। साथ ही, सरकार ने इस योजना के लिए जितना पैसा रखा था, उसका पूरा इस्तेमाल भी नहीं हो पाया है। संसद की समिति ने मंत्रालय से कहा है कि इन दिक्कतों को जल्दी सुलझाए और ज्यादा लोगों तक योजना की जानकारी पहुंचाए।
कितने लोगों ने लिया फायदा?
योजना के पहले चरण में 1.27 लाख इंटर्नशिप के मौके दिए गए थे और दूसरे चरण में 1.15 लाख मौके। दिसंबर 2024 से अब तक 28,000 से ज्यादा युवाओं ने इंटर्नशिप का ऑफर स्वीकार किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ 8,700 युवाओं ने इंटर्नशिप शुरू की है।
उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 1,234 युवाओं ने योजना के तहत इंटर्नशिप शुरू की है। इसके बाद असम के 994, बिहार के 715 और मध्य प्रदेश के 693 युवाओं ने जॉइन किया है।
टॉप 5 कंपनियां | दी गई इंटर्नशिप की संख्या | |
Jubilant Foodworks Limited | 14,263 | |
Maruti Suzuki | 12,444 | |
ONGC | 6,020 | |
Reliance Industries | 5000 | |
Eicher Motors | 4260 | |
लड़कियों और लड़कों का अनुपात | ||
पुरुष 72% | ||
महिला 28% | ||
उम्र के हिसाब से संख्या | ||
21 | 32% | |
22 | 35% | |
23 | 33% |
क्यों कम हो रही है इंटर्नशिप में रुचि?
मंत्रालय ने बताया कि कई वजहों से युवाओं की भागीदारी कम हो रही है। सबसे बड़ी वजह यह है कि इंटर्नशिप की जगह घर से बहुत दूर होती है। युवाओं ने कहा है कि अगर इंटर्नशिप उनके घर से 5 से 10 किलोमीटर के अंदर हो तो वे आसानी से जॉइन कर सकते हैं। इसके अलावा, इंटर्नशिप की अवधि लंबी होने और उनकी पढ़ाई या रुचि के हिसाब से सही काम न मिलने की वजह से भी लोग पीछे हट रहे हैं। साथ ही, आईटीआई और पॉलिटेक्निक के छात्रों के लिए उम्र सीमा कम करने की भी मांग उठ रही है।
योजना को सुधारने के लिए कदम
मंत्रालय ने बताया है कि वे इस योजना को बेहतर बनाने के लिए लगातार छात्रों से फीडबैक ले रहे हैं। इसके लिए आईआईएम-बेंगलुरु, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सिम्बायोसिस और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स जैसे बड़े संस्थान छात्रों से राय ले रहे हैं।
समिति ने यह सुझाव दिया है कि सभी राज्यों में एक खास एजेंसी बनाई जाए, जो इस योजना को ठीक से लागू करे और देखरेख करे। इससे देशभर में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को नौकरी के लिए जरूरी स्किल्स मिल पाएंगे।
बजट और कंपनियों की भागीदारी
योजना के पहले चरण में 280 कंपनियां शामिल हुई थीं। दूसरे चरण में इनकी संख्या बढ़कर 318 हो गई। वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए पहले 2000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, जिसे घटाकर 380 करोड़ रुपये कर दिया गया। लेकिन फरवरी 2025 तक केवल 21.10 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। हालांकि, अगले साल 2025-26 में सरकार ने इस योजना के लिए बजट बढ़ाकर 10,831.07 करोड़ रुपये कर दिया है।
एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा बजट 2024-25 में की गई थी। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में देश की 500 बड़ी कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका दिया जाए। इस योजना की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी। पहले साल यानी 2024-25 में 1.25 लाख युवाओं को इंटर्नशिप का मौका देने का लक्ष्य रखा गया। समिति ने मंत्रालय से कहा है कि वह तेज़ी से काम करे और इन दिक्कतों को दूर करके ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इसका फायदा पहुंचाए।