भारत पर व्यापार समझौते के बढ़ते दबाव के बीच अमेरिका ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका यात्रा को ‘महत्त्वपूर्ण कदम’ बताया है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के एक सवाल के जवाब में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है, दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी बाधाएं दूर करने के लिए अमेरिका और भारत बातचीत जारी रखे हुए हैं। इस प्रक्रिया में यह यात्रा एक महत्त्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति ट्रंप को विश्वास है कि दोनों देश एक सफल निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।’
इस मसले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि गोयल इस सप्ताह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जनरल एसेंबली (यूएनजीए) के मौके पर अलग से संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जैमीसन ग्रीर से मिलेंगे, और व्यापार संबंधी प्रमुख मामलों के साथ व्यापार समझौते पर भी चर्चा करेंगे। इस मसले पर जल्द निष्कर्ष पर पहुंचने पर विचार किया जा रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवाल का जवाब नहीं दिया। हालांकि मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में शनिवार शाम को कहा गया कि गोयल 22 सितंबर को अमेरिका का दौरा करने और अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत करने वाले हैं, जिससे दोनों देशों के लिए लाभदायक व्यापार समझौते के शीर्ष निष्कर्ष की दिशा में बातचीत आगे बढ़ाई जा सके। बयान में यात्रा की विस्तृत योजनाओं और अमेरिकी प्रशासन के अधिकारियों के साथ गोयल की बैठक के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई है।
गोयल की यात्रा 16 सितंबर को नई दिल्ली में दोनों देशों के मुख्य वार्ताकारों की बैठक के बाद हो रही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय टीम इस सप्ताह की शुरुआत में मिली और द्विपक्षीय संबंधों में हालिया तनाव को दरकिनार करते हुए ‘दोनों देशों के लिए लाभकारी’ व्यापार समझौते के शीघ्र निष्कर्ष के लिए प्रयासों को तेज करने का फैसला किया। दोनों पक्षों ने बैठक को ‘सकारात्मक’ भी बताया था। इस महीने की शुरुआत में भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने कहा था कि अमेरिकी प्रशासन ने दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव को हल करने के लिए गोयल को वाशिंगटन में आमंत्रित किया था। गोर ने था कि कुछ हफ्तों में मुद्दों का समाधान हो जाएगा।
अमेरिकी प्रशासन द्वारा पिछले महीने रूसी तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत शुल्क सहित अधिकांश भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद व्यापार वार्ता टीमों के बीच यह दूसरी बैठक होगी। बातचीत के दौरान भारत की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के मसले को सुलझाना होगा। पिछले महीने वाणिज्य विभाग के अधिकारी ने कहा था कि वाशिंगटन द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क के मसले को हल करना व्यापार समझौते के लिए आवश्यक होगा।