facebookmetapixel
सर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूरBank Holiday: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जानें कहां-कहां बंद रहेंगे बैंक; चेक करें हॉलिडे लिस्टStock Market Holiday New Year 2026: निवेशकों के लिए जरूरी खबर, क्या 1 जनवरी को NSE और BSE बंद रहेंगे? जानेंNew Year Eve: Swiggy, Zomato से आज नहीं कर सकेंगे ऑर्डर? 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल परGold silver price today: साल के अंतिम दिन मुनाफावसूली से लुढ़के सोना चांदी, चेक करें ताजा भाव2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालित

जल्द ही आएगी कृषि वायदा कारोबार पर पैनल रिपोर्ट

Last Updated- December 05, 2022 | 10:41 PM IST

कृषि जिंस के वायदा कारोबार पर बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट अगले सप्ताह तक आने की संभावना है। इस रिपोर्ट को योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन की अध्यक्षता में तैयार किया गया है।


सेन ने कहा कि समिति की बैठक  गुरूवार को हुई और रिपोर्ट के प्रारुप में मामूली सुधार किया गया। उन्होने कहा कि रिपोर्ट को सभी सदस्यों को पढ़ने के लिए दे दिया गया है और हरेक सदस्य तीन-चार दिन इसका अध्ययन करेंगे। इसके बाद इस रिपोर्ट को सरकार को सौंप दिया जाएगा। समिति में चार सदस्य हैं।


इस रिपोर्ट की प्रतीक्षा बड़ी बेसब्री से किया जा रहा है। दरअसल लोगों में इस बात की उत्सुकता है कि इसके आने के बाद जिंस के दामों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा। एक सूत्र ने बताया कि हालांकि सरकार ने कृषि जिंस कारोबार पर रोक लगाने की सोच सकती है लेकिन इस संबंध में समिति किसी तरह का सुझाव नही देना चाहती है। ऐसा इसलिए है कि इस समिति के लिए मूल्यों पर पड़ने वाले वायदा प्रभावों का अध्ययन करना है।


सेन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि सरकार ने इस तरह की कोई जानकारी नही दी है कि यह वायदा कारोबार प्रतिबंधित होना चाहिए या नही। उन्होने कहा कि यह एक राजनीतिक निर्णय है। देखना यह है कि सरकार इसमें क्या करती है।


इस रिपोर्ट का इंतजार सरकार भी बड़ी बेसब्री से कर रही थी। शरद पवार ने तो इतना तक कह दिया कि अगर यह समिति 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट नही सौंपती है तो एक अलग विशेषज्ञ समिति बना दी जाएगी। इस समिति का गठन मार्च 2007 में किया गया था और इस पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दो महीने का वक्त मिला था।सरकार ने दामों को नियंत्रित करने के लिए राजकोषीय और आपूर्ति की दिशा में भी कदम उठा रही है।


इस संबंध में राजनीतिक दलों ने भी एक दबाव बनाया है कि आवश्यक जिंस के वायदा कारोबार की बजाय मूल्य को निर्धारित करने की जरूरत है। वैसे इस मुद्दे पर सरकार में शामिल बहुत सारे लोगों में दुविधा मौजूद है और वे इस बात से सहमत नही हैं कि इस कदम से मूल्यों पर नियंत्रण कैसे होगा।


 इस मुद्दे पर बाजार आयोग के पूर्व चेयरमैन बी सी खौटा ने कहा कि इस तरह के वायदा कारोबार से मूल्यों की गति को भांपने में मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि वायदा कारोबार एक संवादवाहक है और संवादवाहक की हत्या नही की जानी चाहिए।


हाल ही में इस्पात के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की बात चल रही थी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नही किया गया है। इस्पात का वायदा कारोबार करने वाली एक्सचेंज एनसीडीईएक्स ने कहा कि  द्वितीयक इस्पात उत्पादक उत्पादों का इस्तेमाल हेजिंग करने के लिए करते थे और इस गतिविधि से इस्पात के  व्यापार का कोई मतलब नही रह जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह के वायदा कारोबार के लिए एक समय निर्धारित होना चाहिए और समय के बीत जाने के बाद इसे खत्म कर देना चाहिए।

First Published - April 20, 2008 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट