‘हम एक ऐसी संस्था हैं, जिसमें कोई भी निवेश नहीं करना चाहता।’ यह कहना है हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के सरकारी विमानन कंपनी के प्रबंध निदेशक मोहम्मद ऐजाज हारून का।
उनके इस कथन से स्पष्ट है कि पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति किस कदर दयनीय हो चुकी है। यही नहीं, नकदी संकट से परेशान पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस कॉरपोरेशन लगातार चौथे साल भी घाटा होने के कारण अपने दो होटलों को गिरवी रख 3,000 करोड़ रुपये उगाहने की योजना बना रही है।
मोहम्मद ऐजाज का कहना है कि न्यू यॉर्क में रूजवेल्ट होटल और पेरिस में होटल स्क्राइब को सरकारी विमानन कंपनी ने निवेश के लिए आमंत्रित करने की योजना बनाई है। अगर ये कंपनियां पाकिस्तानी एयरलाइंस में निवेश करती हैं, तो सरकार को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
ऐजाज का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो पाकिस्तान की सबसे बड़ी विमानन कंपनी को कुल कर्मियों के 28 प्रतिशत, यानी लगभग 5,000 कर्मियों की छंटनी करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सरकार से नकदी संकट में सहायता नहीं मिलने की वजह से कंपनी अपने इन कर्मियों को आउटसोर्सिंग कंपनियों में लगाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार की 88 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली यह विमानन कंपनी ईंधन (एटीएफ) कीमतों में बढ़ोतरी और वैश्विक मंदी के कारण यात्रा करने वालों की संख्या में कमी के कारण मुश्किल दौर से गुजर रही है। कंपनी को चालू वित्त वर्र्ष में भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
लगभग 450 करोड़ रुपये की बराबर कीमत वाले शेयरों और बॉन्ड का प्रबंधन करने वाली कराची की एटल्स एस्सेट मैनेजमेंट लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी हबिब-उर-रहमान का कहना है, ‘इस विमानन कंपनी का कोई भविष्य नहीं है।’
उनका कहना है, ‘यह सिर्फ सरकारी खजाने में कमी ला रही है। सरकार को इसकी व्यवहार्यता जांचनी चाहिए और इसे बंद कर देना चाहिए।’