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बजट के आकलन से कम होगी नॉमिनल GDP की ग्रोथ, बढ़ सकता है राजकोषीय घाटा

यदि केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे को 17.87 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य तक रख पाती है तो भी यह 6.02 प्रतिशत होगा, जबकि बजट अनुमान 5.92 प्रतिशत था।

Last Updated- January 05, 2024 | 10:11 PM IST
fiscal deficit

इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है लेकिन बजट के आकलन से 1.6 प्रतिशत कम नॉमिनल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि होगी। इससे केंद्र सरकार के लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.9 प्रतिशत के लक्ष्य में रखना कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

बजट में वर्ष 2023-24 के दौरान नॉमिनल जीडीपी 10.5 प्रतिशत से बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि इसके अग्रिम अनुमानों में 8.9 प्रतिशत होने की उम्मीद जताई गई है।

इसका असर यह है कि अर्थव्यवस्था का आकार 296.58 लाख करोड़ रुपये होगा जबकि बजट में 2023-24 के दौरान 301.75 लाख करोड़ रुपये होने को अनुमान जताया गया था। इसका अर्थ यह होगा कि अग्रिम अनुमानों के अनुसार बजट अनुमान की तुलना में वर्ष 2023-24 की जीडीपी 5.17 लाख करोड़ रुपये कम होगी।

लिहाजा यदि केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे को 17.87 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य तक रख पाती है तो भी यह 6.02 प्रतिशत होगा, जबकि बजट अनुमान 5.92 प्रतिशत था। जीडीपी के 5.9 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजकोषीय घाटा 31,000 करोड़ रुपये कम करके 17.56 लाख करोड़ रुपये करने की आवश्यकता है।

सरकार नवंबर तक राजकोषीय घाटे को नियंत्रित कर 9.06 लाख करोड़ रुपये पर रख पाई है और यह बजट अनुमान का 50.7 प्रतिशत है। यदि राजकोषीय घाटे को 17.56 लाख करोड़ रुपये में रखा जा सकता है तो नवंबर तक का आंकड़ा कुल बजटीय घाटे का 51.63 प्रतिशत है। हालांकि यह बीते साल के नवंबर तक के 58.9 प्रतिशत से कम होगा।

First Published - January 5, 2024 | 10:11 PM IST

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