आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने केंद्र सरकार से मांग की है कि राज्य के झींगा उत्पादन से जुड़े किसानों के कल्याण के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारत से निर्यात होने वाले समुद्री खाद्य पदार्थों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 26 प्रतिशत बराबरी शुल्क से झींगा निर्यात पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में नायडू ने कहा कि भारत को यूरोपीय देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि उसे यूरोप को समुद्री खाद्य पदार्थों के निर्यात पर शून्य शुल्क सुविधा का लाभ मिल सके। इस पत्र में नायडू ने केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि वह आंध्र प्रदेश के जलीय उत्पादों को अतिरिक्त शुल्क से छूट दिलाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करे ताकि यहां के किसानों को राहत मिल सके।
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा रविवार शाम को जारी एक बयान के अनुसार नायडू ने गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से अमेरिका को 2.55 अरब डॉलर के जलीय खाद्य उत्पादों का निर्यात किया गया था। इसमें 92 प्रतिशत झींगा था। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इक्वाडोर जैसे देशों के झींगा पर केवल 10 प्रतिशत शुल्क लगाया है । उसका यह कदम अपरोक्ष रूप से भारत के लिए नुकसादेह है जबकि उन देशों को फायदा पहुंचाएगा।
नायडू ने कहा कि भारत के निर्यातक पहले से ही 5.77 प्रतिशत जवाबी शुल्क का सामना कर रहे हैं। यदि इन सभी शुल्कों को एक साथ मिलाकर देखें तो इक्वाडोर और हमारे बीच शुल्क में यह अंतर 20 प्रतिशत तक आता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाया गया शुल्क 5 अप्रैल से प्रभावी हुआ है जिसके कारण अमेरिका जाने वाले सभी तरह के माल पर यह अतिरिक्त भार पड़ेगा। खास यह कि अमेरिका के लिए पूर्व के ऑर्डर के अनुसार माल भंडारगृहों में पहुंच चुका है, जो बस लदान का इंतजार कर रहा है। अमेरिका द्वारा लागू शुल्क की नई दरें इस पर भी लागू होंगी।