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कंपनियों का बाजार पूंजीकरण जीडीपी से आखिरकार घटा

Last Updated- December 07, 2022 | 8:41 AM IST

शेयर बाजार में सोमवार को रियलटी, टिकाऊ उपभोक्ता सामान, तेल व गैस और बैंकिंग सेक्टर  के शेयरों में हुई जोरदार गिरावट से भारतीय कार्पोरेट जगत का बाजार पूंजीकरण जीडीपी से नीचे चला गया है।


डॉलर के मुकाबले रुपये के 43.03 रुपये पर पहुंच जाने और बाजार से आ रहे लगातार मंदी के संकेतों के कारण कार्पोरेट जगत की पूंजी आने वाले दिनों में 10 खरब डॉलर से कम हो सकती है। 22 मई 2007 को भारतीय कार्पोरेट ने जीडीपी के लेवल को पार किया था। 8 जनवरी 2008 को कार्पोरेट जगत का बाजार पूंजीकरण 744.8 खरब रुपये के स्तर पर जीडीपी (415 खरब रुपये) से 1.8 गुना अधिक था।

इसका अर्थ यह हुआ की मंदी के इस दौर में मार्केट केप महज 5 माह में ही 300 खरब रुपये कम हो गया। इस तेज गिरावट के कारण दस खरब रुपये की केप वाली कंपनी जो 8 जनवरी, 2008 को 14 थीं, घटकर 4 रह गई हैं। बीएसई और एनएसई में दर्ज कंपनियों की मार्केट केप में सोमवार को 12.5 खरब रुपये कम होकर 437.5 खरब रुपये रह गई। इस तरह से यह 469.3 खरब के जीडीपी से कम हो गई है। जीडीपी के यह आंकड़े रिजर्व बैंक ने 28 अप्रैल 2008 को जारी किए थे। 8 साल पहले भारतीय कार्पोरेट जगत का पूंजीकरण 100 अरब डॉलर था।

1998 में भारतीय कार्पोरेट जगत का पूंजीकरण 100 अरब डॉलर था जो 2000 में बढ़कर 200 अरब डॉलर हो गया। इसे 300 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचने में  4 साल लग गए। इस बढ़त का प्रमुख कारण सरकार कई सार्वजनिक कंपनियों का निजीकरण किया जाना रहा। इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार की ओर रुख किया।

First Published - June 30, 2008 | 9:53 PM IST

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