रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के प्रतिकूल असर से कुछ और क्षेत्र ‘नकारात्मक परिदृश्य’ की सूची में आ सकते हैं। महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए जा रहीं बंदिशों से उद्यमों के लिए अवरोध पैदा होंगे, जिसका जून 2021 में समाप्त तिमाही में कारोबारी प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। हालांकि दूसरी तिमाही में सुधार संभव है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा के अध्यक्ष रामनाथ कृष्णन ने कहा कि एजेंसी वित्त वर्ष 2022 के लिए क्षेत्रों के परिदृश्य की समीक्षा करेग और क्षेत्रों तथा पूरी अर्थव्यवस्था पर असर का आकलन करेगी। कुछ क्षेत्रों का परिदृश्य पहले ही नकारात्मक है। अब कुछ और क्षेत्र नकारात्मक परिदृश्य की श्रेणी में आ सकते हैं। फरवरी में टीकाकरण भी शुरू होने के साथ हालात नियंत्रण में आते नजर आ रहे थे। इससे ऐसा लगने लगा था कि चिकित्सा व्यवस्था महामारी से पार पाने में सक्षम रहेगी। लेकिन अप्रैल में मामले बढऩे और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए बंदिशें लगाए जाने से हालात तेजी से बदले हैं। रेटिंग एजेंसी के कार्याधिकारियों ने कहा कि मुश्किल दौर का जोखिम आतिथ्य और गैर-जरूरी खर्च जैसे क्षेत्रों के लिए हैं। कॉरपोरेट या कंपनी के स्तर के ऋणों या बॉन्डों के स्तर पर डाउनग्रेड जैसे रेटिंग के वास्तविक कदम उठाए जाने से पहले परिदृश्य में बदलाव हो सकता है। उदाहरण के लिए सकारात्मक से स्थिर या स्थिर से नकारात्मक।
केयर रेटिंग्स के मुख्य कार्याधिकारी अजय महाजन ने कहा कि हालात की गंभीरता को मद्देनजर रखते हुए एजेंसी क्षेत्रों और कंपनियों की नए सिरे से समीक्षा शुरू कर रही है। क्रिसिल में वरिष्ठ निदेशक और मुख्य रेटिंग अधिकारी सुबोध राय ने कहा कि अब कोविड-19 का प्रसार ज्यादा व्यापक हो गया है। जिन क्षेत्रों में फिर से उठ खड़े होने की कम क्षमता है, उनमें खुदरा, आतिथ्य, रत्नाभूषण, विमानन और वाहन डीलरशिप हैं। इन क्षेत्रों पर लगातार नजर रखी जा रही है। एजेंसियों के विश्लेषकों ने कहा कि वे कॉरपोरेट के साथ बातचीत कर क्षेत्रों के हालात की थाह ले रहे हैं।
