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विनिर्माताओं से कीमत नियंत्रण की गुहार

Last Updated- December 05, 2022 | 4:27 PM IST

वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज विनिर्माण कंपनियों से कहा कि उत्पाद शुल्क घटाए जाने के बाद वे कीमतों में कटौती करें। फिक्की के साथ आयोजित एक बजट सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जिन उद्योगों को ज्यादा लाभ हो रहा है, उन्हें कीमतों के नियंत्रण पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने खासकर दवा, दुपहिया, ऑटो, बसों, चेसि और कागज क्षेत्रों पर जोर दिया जिन्हें इस बजट में ज्यादा लाभ मिला है। वित्तमंत्री ने कहा कि उन्हें कीमतों पर पकड़ बनाए रखनी चाहिए और इसके साथ ही कीमतें कम करने पर भी विचार करना चाहिए। खाद्य सामग्रियों के अलावा विनिर्माण उद्योग की भूमिका भी महंगाई पर अहम हो गई है। इस समय इस क्षेत्र में मुद्रास्फीति की दर करीब 4.8 प्रतिशत है। उन्होंने सलाह दी कि उत्पादन बढ़ाना चाहिए, जिससे कीमतों के बढ़ने से लाभ में कमी आती है, उसे अधिक संख्या में बेचकर पूरा किया जा सके। उद्योग जगत को मांग आपूर्ति सिध्दांत पर सतर्क करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘वर्ष 2008-09 में बढ़ती हुई मांग को पूरी करने की कोशिश करें।’ एकाधिकार और प्रतिबंधित व्यापार गतिविधि आयोग के दो निर्णयों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि विनिर्माताओं को और अधिक प्रतियोगी बनने की जरूरत है, जिससे कीमतों पर पकड़ बनी रहे। इसके लिए गुटबंदी (कार्टेल) नहीं होनी चाहिए। आयोग ने सीमेंट कंपनियों के कार्टेल बनाए जाने पर फैसला दिया था। इस समय वैश्विक बाजार में जिंसों, तेल और खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ गए हैं। भारत के तेजी से बढ़ते विकास दर के कम होने क संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में उद्योग जगत को एक बार फिर से प्रभावी तरीके से सामने आना चाहिए जिससे कीमतों पर लगाम लग सके।

First Published - March 5, 2008 | 9:59 PM IST

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