महाराष्ट्र आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक से ही राज्य के समग्र विकास के एजेंडे को लागू करने पर काम करना शुरु कर दिया। परिषद विकास को गति देने के लिए क्रांतिकारी कदम और ठोस निर्णय की रणनीति तैयार करेगी। परिषद में महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है।
महाराष्ट्र आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक 14 फरवरी को हुई। परिषद में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह बैठक महाराष्ट्र को समग्र विकास के पथ पर ले जाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण थी। महाराष्ट्र देश का ग्रोथ इंजन है। राज्य के विकास के लिए यह बैठक क्रांतिकारी सिद्ध होगी। राज्य के सभी संभागों का संतुलित विकास करने के उद्देश्य से परिषद में महत्वपूर्ण चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2070 तक पांच लाख करोड़ डॉलर तक विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की पूर्ति करने के लिए महाराष्ट्र की भूमिका निसंदेह निर्णायक होगी। महाराष्ट्र देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है तथा इस राज्य के सहयोग से पांच लाख करोड़ डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य साध्य करने में काफी सहयोग होगा। महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए परिषद काफी महत्वपूर्ण थी।
आम आदमी ही इस विकास प्रक्रिया में केंद्र स्थान पर होगा। कृषि क्षेत्र में उत्पादन में वृद्धि, आधुनिक तकनीक का उपयोग तथा वित्त आपूर्ति को लेकर यह परिषद अध्ययन कर अपनी सूचनाएं एवं सिफारिश करेगी। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बैठक में कृषि क्षेत्र, कौशल्य विकास, आर्थिक समावेशन तथा विभागीय असंतुलन दूर करने को लेकर भी चर्चा की गई। परिषद में अलग-अलग पृष्ठभूमि से सदस्य जुड़े हैं ।
परिषद सदस्यों की दी हुई सूचनाओं पर आधारित विकास का रोड मैप तैयार किया जाएगा तथा उसे समयबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा। फड़णवीस ने कहा कि देश की जीडीपी में 15 फीसदी हिस्सेदारी महाराष्ट्र की है। 20 फीसदी से ज्यादा निर्यात महाराष्ट्र से होता है। 38 फीसदी से ज्यादा विदेशी निवेश महाराष्ट्र में हुआ है। महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य जल्द से पाने के लिए ठोस निर्णय लेने के लिए परिषद काम करना शुरु कर दी है।
टाटा संस के अध्यक्ष तथा महाराष्ट्र आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख एन चंद्रशेखरन ने कहा कि महाराष्ट्र देश के लिए महत्वपूर्ण राज्य है और यहां का जीडीपी सकल उत्पादन सबसे अधिक है। यहां पर आधारभूत सुविधाएं तथा कुशल मानव संसाधन उपलब्ध है। राज्य के आर्थिक विकास के साथ ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन शैली को उन्नत करने पर कैपिटा इनकम में वृद्धि करने पर चर्चा हुई। कृषि तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), हरित मार्ग जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचारों का आदान-प्रदान पर भी योजनाएं तैयार की जाएगी।