खुदरा क्षेत्र को दिए जाने वाले बैंक ऋण की वृद्धि दर अगस्त 2023 में घटकर 18.3 प्रतिशत रह गई है। एक साल पहले इसमें 19.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। इसमें आवास, वाहन और क्रेडिट कार्ड आदि पर दिया जाने वाला कर्ज शामिल होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक खुदरा ऋण में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी आवास ऋण की होती है, जिसमें अगस्त 2023 में सालाना आधार पर 13.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो अगस्त 2022 के 16.3 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में कम है।
रिजर्व बैंक के एक बयान के मुताबिक छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज की वृद्धि दर भी अगस्त 2023 में घटकर 6.1 प्रतिशत रह गई है, जो अगस्त 2022 में 11.4 प्रतिशत थी। बड़े उद्योगों में मूल धातुओं और धातु उत्पादों व टेक्सटाइल को दिए जाने वाले ऋण की सालाना वृद्धि अगस्त 2023 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़ी है। रसायन और रसायन उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे को दिया जाने वाला कर्ज घटा है।
सेवा क्षेत्र को दिया जाना वाला ऋण अगस्त 2023 में सालाना आधार पर 20.7 प्रतिशत बढ़ा है। एक साल पहले इसमें 17.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। इस वृद्धि में अहम भूमिका गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और वाणिज्यिक रियल एस्टेट की है। अगस्त 2023 में एनबीएफसी को ऋण 25.8 प्रतिशत बढ़ा है, जो एक साल पहले 25.5 प्रतिशत बढ़ाथा। वाणिज्यिक रियल एस्टेट को ऋण अगस्त 2023 में उल्लेखनीय रूप से 13.9 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एक साल पहले इसमें महज 4.8 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में कर्ज अगस्त 2023 में 16.6 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि एक साल पहले 13.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।