भारत ने अपनी रणनीतिक संसाधन सुरक्षा बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण कदम के तहत पहली आधिकारिक महत्वपूर्ण खनिजों की सूची जारी की है। इस सूची में देश की आर्थिक वृद्धि और तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण 30 खनिजों की पहचान की गई है। इस अग्रणी कदम का मकसद आयात की निर्भरता कम करना, आपूर्ति श्रृंखला में लचीलेपन का दायरा बढ़ाना और देश के शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य का समर्थन करना है।
केंद्रीय कोल, खनन और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को नई दिल्ली में ‘भारत के महत्वपूर्ण खनिज’ से जुड़ी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने के लिए तैयार हो रहा है।
खनन मंत्रालय द्वारा तैयार महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में विभिन्न उद्योगों जैसे रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, अक्षय ऊर्जा, दूरसंचार और परिवहन के लिए आवश्यक खनिजों की एक विविध श्रृंखला शामिल है।
इस सूची में 30 खनिज शामिल हैं, जिनमें 17 दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरईई) और छह प्लैटिनम-समूह के तत्व (पीजीई) शामिल हैं जिनमें से प्रत्येक को उनके आर्थिक महत्व और भारत के भूवैज्ञानिक भंडार में सीमित उपलब्धता के आधार पर महत्वपूर्ण तत्व के रूप में नामित किया गया है।