अर्थव्यवस्था

Yogi Cabinet के बड़े फैसलें, 21252 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी

यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड के 736 करोड़, शाहजहांपुर में अल्ट्राटेक सीमेंट के 717 करोड़, फर्रुखाबाद में आईडीबीबी रिसाइक्लिंग आपरेशंस के 460 करोड़ के प्रस्तावों पर मंजूदी दी गयी।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- July 03, 2025 | 7:39 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने 21252 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। योगी सरकार ने पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) का संचालन निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी ) के आधार पर करवाने का फैसला करते हुए इसे लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दिया है। आगरा एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेस वे बनेगा।

गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर, फर्रूखाबाद, शाहजहांपुर, नोएडा एवं हाथरस में 21 हजार 252 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके आधार पर जल्द ही सभी कम्पनियों को लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किया जाएगा। उन्होंने ने बताया कि मंत्री परिषद की बैठक में ही आवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड को ग्रेटर नोएडा में 202350 वर्ग मीटर भूखंड के आवंटन पर 252.92 करोड़ की फ्रन्ट एण्ड लैंड सब्सिडी प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का निर्णय लिया गया।

मंत्रिपरिषद की बैठक में 5 प्रस्तावों पर विचार हुआ। जिनमें नोएडा एवं हाथरस में अवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड के 11 हजार 399 करोड़, गौतमबुद्धनगर में सेल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड के 8000 करोड़, यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड के 736 करोड़, शाहजहांपुर में अल्ट्राटेक सीमेंट के 717 करोड़, फर्रुखाबाद में आईडीबीबी रिसाइक्लिंग आपरेशंस के 460 करोड़ के प्रस्तावों पर मंजूदी दी गयी। निवेश प्रस्तावों को मंजूरी के बाद जल्द ही लेटर ऑफ कंफर्ट जारी किया जाएगा।

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एक अन्य फैसले में जेपीएनआईसी परियोजना को पूरा करने, इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंप दी गई है। संचालन और रखरखाव के लिए वित्तीय बोझ को प्राधिकरण व्यवस्थित तरीके से संभालेगा। शासन द्वारा अब तक अवमुक्त 821.74 करोड़ रुपए प्राधिकरण के पक्ष में स्थानांतरित ऋण माना जाएगा जिसे 30 साल में चुकाना होगा।  परियोजना को निजी सहभागिता के जरिए संचालित करने, प्रक्रिया और शर्तें तय करने, सोसाइटी की सदस्यता समाप्त करने और अन्य अनुषांगिक कार्यों के लिए एलडीए को पूर्ण रूप से अधिकृत किया गया है।

First Published : July 3, 2025 | 7:32 PM IST