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दोगुना होगा आईटी का घरेलू बाजार

Last Updated- December 06, 2022 | 12:45 AM IST

भारतीय सूचना तकनीक (आईटी) और इससे जुड़ी सेवाओं (आईटीइएस) का बाजार 2012 तक 5,29,976 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।


ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले पांच सालों में इसकी सालाना विकास दर 16.5 प्रतिशत रह सकती है।घरेलू आईटी बाजार का भी 2012 तक 2,00,000 करोड रुपये होने का अनुमान है जो वर्ष 2007 में 90,014 करोड रुपये का है।


ये सारे आंकड़े आईडीसी के शोध के आधार पर बताए जा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि 2012 तक आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं का कुल निर्यात राजस्व 2012 तक 3,20,278 करोड़ रुपये हो जाएगा।


जबकि आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं के बाजार का विस्तार अगले पांच सालों तक 16.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 27.3 प्रतिशत की सीएजीआर  की दर से घरेलू आईटी बाजार 2012 तक 40,039 करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो वर्ष 2007 में 11,970 करोड़ रुपये का रहा है। आईटी सेवाओं के निर्यात के बाजार में न्यूनतम 13.8 प्रतिशत की दर से सीएजीआर रहने का अनुमान है।


आईडीसी के इंडिया कंट्री मैनेजर कपिल देव सिंह ने कहा कि आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं में अगले पांच सालों में (2008-12 के दौरान) निर्यात की दर 18.9 प्रतिशत रहने की संभावना है और इसी के आधार पर इस क्षेत्रों में काफी वृद्धि होने के आसार हैं। उन्हें इस बात की उम्मीद है कि अगर घरेलू खरीदारों को नए पहल देकर आकर्षित किया जाए तो यह क्षेत्र विकास के नए प्रतिमान गढ़ता रहेगा।


आईडीसी ने 2008 में आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है जिसमें घरेलू बाजार में 22.4 और निर्यात बाजार में 18.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। इस पूरे उद्योग के बारे में यह अनुमान लगाया गया है कि 2012 तक यह 5,29,976 करोड रुपये का हो जाएगा। इस संपूर्ण बाजार मे घरेलू आईटी और इससे जुड़े बाजारों का हिस्सा 40 प्रतिशत हो जाएगा जो फिलहाल 37 प्रतिशत है।


भारत के पैकेज्ड सॉफ्टवेयर का बाजार हार्डवेयर के बाजार की तुलना में ज्यादा तेजी से विस्तार कर रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अगले पांच सालों में यही प्रवृत्ति बरकरार रहेगी। पैकेज्ड सॉफ्टवेयर का बाजार अभी 29,104 करोड़ रुपये का है जो 2012 तक 73,101 करोड़ रुपये हो जाने की संभावना है। हार्डवेयर के बाजार में भी वृद्धि होने की संभावना है। अभी इसका बाजार 48,940 करोड रुपये का है जिसके 2012 तक 96,558 करोड रुपये हो जाने की संभावना है।

First Published - April 30, 2008 | 10:32 PM IST

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