वाणिज्य मंत्रालय (commerce department ) ने मंगलवार को कहा कि यूरोपियन यूनियन (EU), जापान और चीनी ताइपे के साथ आईटी शुल्क विवाद (IT tariff dispute) के बाद विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अधिकार व दायित्व को देखते हुए भारत जरूरी कदम उठाने के साथ विकल्पों की तलाश कर रहा है।
भारत द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सामान पर शुल्क लगाने के बारे में WTO के पैनल ने कहा है कि यह बहुपक्षीय निकाय के तहत सूचना व तकनीक अधिनियम (ITA) की प्रतिबद्धता का उल्लंघन करता है।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि इस फैसले का भारत के आईटी उत्पादों पर तत्काल कोई असर नहीं पड़ेगा। 2019 में यूरोपियन यूनियन, जापान और चीनी ताइपे ने आरोप लगाया था कि भारत कुछ सूचना और संचार तकनीक उत्पादों पर शुल्क लगाकर जनरल एग्रीमेंट आन टैरिफ ऐंड ट्रेड (General Agreement on Tariffs and Trade 1994- GATT 1994) का उल्लंघन कर रहा है।
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शिकायत के मुताबिक भारत ने मोबाइल फोन, मोबाइल फोन के घटकों (mobile phone components) और एक्सेसरीज, लाइन टेलीफोन हैंडसेट जैसे कुछ ICT उत्पादों के आयात पर 20 प्रतिशत तक कर लगाया था, जो बाउंड रेट शून्य दर की तुलना में बहुत ज्यादा है।