क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान जताया है कि भारतीय आईटी सेवा उद्योग की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में नरम पड़कर 3-5 प्रतिशत रहेगी, क्योंकि लगातार वृहद आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका तथा यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग की वजह से राजस्व पर प्रभाव पड़ सकता है।
एजेंसी के अनुसार भारतीय आईटी सेवा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही और वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के बीच वृद्धि में कमजोरी दर्ज की। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में, इक्रा के नमूने वाली कंपनियों ने अमेरिकी डॉलर संदर्भ में एक साल पहले के मुकाबले 3.8 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जो पिछली 10 तिमाहियों में सबसे कम है। अमेरिका में राजस्व वृद्धि की रफ्तार यूरोप की तुलना में ज्यादा कमजोर रही है।
उद्योग संगठन नैसकॉम के अनुमान के अनुसार राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 2023 की 7.8 प्रतिशत वृद्धि दर की तुलना में करीब 3 प्रतिशत कम रह सकती है। परिचालन मुनाफा मार्जिन भी कम परिचालन दक्षता की वजह से वित्त वर्ष 2024 में 70-100 आधार अंक तक घटकर 20-21 प्रतिशत रह सकता है।
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सेगमेंटों के संदर्भ में, बीएफएसआई और संचार में अन्य सेगमेंटों के मुकाबले ज्यादा कमजोरी आई है। मौजूदा वृहद आर्थिक चिंताओं के बीच बीएफएसआई पर मॉर्गेज, निवेश बैंकिंग, पूंजी बाजार और बीमा सेगमेंटों में नरमी की वजह से प्रभाव पड़ा है।
वहीं कम्युनिकेशन वटिकल पर दूरसंचार कंपनियों की कमजोर राजस्व वृद्धि की वजह से दबाव पड़ा, क्योंकि 5जी में ग्राहकों द्वारा किए गए निवेश से उसके तकनीकी खर्च में सुधार लाने में ज्यादा मदद नहीं मिली।
इक्रा को वृहद आर्थिक समस्याएं चालू वित्त वर्ष के अंत तक दूर होने के बाद राजस्व वृद्धि की रफ्तार में सुधार आने की उम्मीद है।
इक्रा के सहायक उपाध्यक्ष एवं सेक्टर हेड दीपक जोतवानी ने उद्योग के प्रदर्शन की अल्पावधि संभावनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘इक्रा को कई प्रमुख बाजारों में अनिश्चितता बरकरार रहने की वजह से वित्त वर्ष 2024 में (अपने नमूने में शामिल कंपनियों के लिए) अमेरिकी डॉलर संदर्भ में 3-5 प्रतिशत की कमजोर राजस्व वृद्धि का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2023 में दर्ज की गई 9.2 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के मुकाबले काफी कम है। साथ ही इक्रा को वृद्धि में संभावित नरमी की वजह से अल्पावधि में आईटी सेवा कंपनियों द्वारा नियुक्तियों में कमी किए जाने की संभावना है।’