मार्च में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर 10 महीने के निचले स्तर पर आ गई है, लेकिन अभी भी यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। वहीं फरवरी में औद्योगिक उत्पादन बढ़कर 4 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इससे केंद्रीय बैंक को मूल्य की स्थिरता पर ध्यान बनाए रखने की राह मिली है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर मार्च महीने में घटकर 4.85 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसके पहले के महीने में 5.09 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली समूह की कीमत में आई कमी (-3.24 प्रतिशत) और रसोई गैस के दाम में गिरावट के कारण ऐसा हुआ है।
खाद्य एवं बेवरिज की महंगाई दर बढ़े स्तर पर बनी हुई है, जो फरवरी के 7.8 प्रतिशत से थोड़ी घटकर मार्च में 7.7 प्रतिशत पर आई है। बहरहाल प्रमुख महंगाई, जिसमें उतार चढ़ाव वाली खाद्य वस्तुएं और ईंधन शामिल नहीं होता है, मार्च में गिरकर 3.25 प्रतिशत पर है।
मार्च तिमाही में खुदरा महंगाई दर 12 तिमाहियों में सबसे कम रही है। वहीं ग्रामीण(5.45 प्रतिशत) और शहरी (4.14 प्रतिशत) महंगाई दर में अंतर मार्च में बढ़कर 23 महीने के उच्च स्तर 1.31 प्रतिशत पर पहुंच गया है।
वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) फरवरी में बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसे खनन (8 प्रतिशत) और बिजली (7.5 प्रतिशत) के उत्पादन से बल मिला है, वहीं विनिर्माण उत्पादन (5 प्रतिशत) पीछे है।
खाद्य वस्तुओं में जहां मोटे अनाज (8.37 प्रतिशत) मांस और मछली (6.36 प्रतिशत) की कीमत बढ़ी है, वहीं गिरावट के बावजूद सब्जियों, दालों, अंडों और मसालों की महंगाई दर दो अंकों में बनी रही। इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में हो रही बढ़ोतरी से भी खुदरा महंगाई को निकट अवधि के हिसाब से जोखिम है, हालांकि इसका असर इस बात पर निर्भर करेगा कि इसका कितना असर ईंधन के खुदरा दाम पर डाला जाता है।
केयरएज रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास महंगाई दर को स्थाई रूप से 4 प्रतिशत पर लाने पर जोर देते रहे हैं, ऐसे में रुख में किसी बदलाव के बगैर नीतिगत दर यथावत रखी जा सकती है।
आईआईपी में 23 विनिर्माण उद्योगों में से 10 के उत्पादन में कमीआई है, जिसमें तंबाकू उत्पाद, अपैरल, चमड़े के उत्पाद, लकड़ी के उत्पाद, कागज उत्पाद, छपाई और रिकॉर्डेड मीडिया का रिप्रोडक्शन, रासायनिक उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, फर्नीचर और अन्य विनिर्माण शामिल है।