संसद की कार्यवाही आज महंगाई की भेंट चढ़ गई। दूसरे बजट सत्र के पहले दिन लोक सभा और राज्य सभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और कोई कार्यवाही नहीं चलने दी।
जब हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा था, तो सदन के अध्यक्ष ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। हंगामें में विपक्षी दलों के साथ साथ सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे वाम दलों ने भी साथ दिया। नव नियुक्त संसदीय कार्यमंत्री वयलार रवि के लिए भी आज परीक्षा का दिन रहा।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सदन में मंहगाई का मुद्दा छा गया। समाजवादी पार्टी और भाजपा के अनेक सदस्य अध्यक्ष के आसन के निकट आ गए और मंहगाई के सवाल को लेकर नारे लगाने लगे। सदस्यों के इस व्यवहार से नाराज अध्यक्ष ने लोकसभा अधिकारियों से कहा कि वे हंगामा कर रहे सदस्यों के नाम नोट करें।
उन्होंने कहा कि नारे लगा रहे सदस्यों से उचित तरीके से निपटा जाएगा। हंगामा थमता न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही करीब 25 मिनट के लिए स्थगित कर दी। उधर राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान जैसे ही सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए विपक्षी राजग यूएनपीए और वामदलों के सदस्यों ने महंगाई के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी।
इसी दौरान आसन पर उपसभापति के रहमान खान आए और उन्होंने उत्तेजित सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि कार्यमंत्रणा समिति में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने के बारे में विचार विमर्श किया गया है। इस बीच सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी नारायण स्वामी कुछ बोलने के लिए खड़े हुए लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण वह अपनी बात शुरू नहीं कर पाए।
सदन में हंगामा थमते न देख खान ने शून्यकाल शुरू होने के करीब दस मिनट के भीतर ही बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर नए सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इसके बाद सभापति अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की विपक्षी राजग यूएनपीए और वाम दलों ने महंगाई के मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी सदन में मौजूद थे। सभापति ने सदस्यों को शांत करने की कोशिश की लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने करीब 11 बज कर 50 मिनट पर सदन की बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लोकसभा में एक बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर वही नजारा था। सपा के अनेक सदस्य आसन के निकट आ गए और मंहगाई के खिलाफ नारे लगाने लगे। उधर राजग के सदस्य भी अपने अपने स्थानों पर खड़े होकर मंहगाई का मुद्दा उठाते रहे।