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भारत का OPEC से कच्चे तेल का इंपोर्ट ऑल टाइम लो लेवल पर

Last Updated- May 07, 2023 | 4:51 PM IST
Windfall tax on crude oil and petrol-diesel exports abolished, relief to oil producers कच्चे तेल एवं पेट्रोल-डीजल निर्यात पर विंडफॉल टैक्स खत्म, तेल उत्पादकों को राहत

भारत के कच्चे तेल के आयात में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की हिस्सेदारी अप्रैल में घटकर अपने सर्वकालिक निचले स्तर 46 प्रतिशत पर आ गई है। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

रूस से भारत की कच्चे तेल की खरीद बढ़ने के साथ ओपेक का हिस्सा घटता जा रहा है। ओपेक… मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और अफ्रीका का भारत के कच्चे तेल के आयात में अप्रैल, 2022 में 72 प्रतिशत हिस्सा था। ऊर्जा खेप की निगरानी करने वाली ‘वॉर्टेक्सा’ के अनुसार, अप्रैल, 2023 में ओपेक का हिस्सा भारत के आयात में घटकर 46 प्रतिशत पर आ गया है।

कभी ओपेक का भारत के कच्चे तेल के आयात में 90 प्रतिशत तक हिस्सा होता था। लेकिन पिछले साल रूस के यूक्रेन पर हमने के बाद रूसी कच्चा तेल रियायती दाम पर उपलब्ध हुआ है। ऐसे में रूस की भारत के कच्चे तेल के आयात में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। कच्चे तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में बदला जाता है।

भारत के कुल तेल आयात में लगातार सातवें महीने रूस की हिस्सेदारी एक-तिहाई यानी 33 प्रतिशत से अधिक रही है। रूस से आयात अब इराक और सऊदी अरब से सामूहिक खरीद से अधिक हो चुका है। पिछले दशक में ये देश भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ता थे। फरवरी, 2022 में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के आयात में रूस का हिस्सा एक प्रतिशत से भी कम था। इस साल अप्रैल में भारत के आयात में रूस का हिस्सा बढ़कर 36 प्रतिशत या 16.7 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है।

वॉर्टेक्सा के अनुसार, भारत ने अप्रैल में 46 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया। इसमें ओपेक का हिस्सा 21 लाख बैरल प्रतिदिन रहा। इस तरह भारत के कच्चे तेल के आयात में ओपेक का हिस्सा घटकर 46 प्रतिशत रह गया है। ढुलाई की ऊंची लागत की वजह से भारतीय रिफाइनरी कंपनियां पूर्व में यदा-कदा ही रूस का तेल खरीदती थीं। लेकिन अब वे रियायती मूल्य पर उपलब्ध रूसी कच्चे तेल की जमकर खरीद कर रही हैं।

First Published - May 7, 2023 | 2:47 PM IST

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