facebookmetapixel
इन्फोपार्क से मिलेगी केरल के प्रगति पथ को और रफ्तारGVK के उत्तराधिकारी को एआई कॉल असिस्टेंट इक्वल से उम्मीद4 में से 3 नई कंपनियों की शेयर बाजार में हुई खराब शुरुआतक्रिकेट स्पॉन्सर​शिप के मैदान में अपोलो टायर्स का बड़ा दांव, बढ़ेगा विज्ञापन खर्चई-दोपहिया का पंजीकरण पहली छमाही में 18% बढ़ाटैक्स से लेकर जीडीपी तक: बेहतर कलेक्शन वाले देशों से भारत क्या सीख सकता है?IMD Report: विदा हुआ मॉनसून, 8% ज्यादा हुई बारिशअमेरिकी शुल्क और एच-1बी वीजा के चलते आईटी क्षेत्र पर दबावदेश में आत्महत्या से दिहाड़ी मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित, 5 साल में 45% बढ़े मामलेH-1B वीजा पाबंदी के बाद अमेरिकी कंपनियां भारत में बढ़ाएंगी निवेश, GCC केंद्रों को मिलेगा विस्तार

OECD ने बढ़ाया भारत के विकास दर का अनुमान, FY24 में GDP ग्रोथ रेट 6.3% रहने की उम्मीद

OECD ने कहा कि भारत G20 की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहां विकास को लेकर ज्यादातर पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिली है

Last Updated- September 20, 2023 | 12:29 PM IST
GDP base year revision: Government considering changing the base year for GDP calculation to 2022-23 जीडीपी गणना के लिए आधार वर्ष को बदलकर 2022-23 करने पर विचार कर रही सरकार

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत की GDP ग्रोथ के अनुमान में इजाफा कर दिया है। OECD ने पहले अनुमान जताया था कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6 फीसदी का इजाफा होगा, मगर अब इसने अनुमान को 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है।

वर्ल्ड इकनॉमी की धीमी रफ्तार

OECD ने कहा कि भारत G20 की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहां विकास को लेकर ज्यादातर पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिली है और इसी वजह से अनुकूल मौसम संबंधी कृषि क्षेत्र में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व अर्थव्यवस्था (वर्ल्ड इकनॉमी) 2023 में 3 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो 2024 में धीमी होकर 2.7 प्रतिशत हो जाएगी।

OECD की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चीन में उम्मीद से कमजोर आर्थिक रिकवरी के बावजूद, 2023-24 में वैश्विक विकास का अनुपातहीन हिस्सा (disproportionate share of global growth) एशिया से आना जारी रहने की उम्मीद है।’

OECD ने महंगाई दर में किया इजाफा

हालांकि OECD ने भारत की महंगाई दर को जून में अपने पहले के अनुमान 4.8 प्रतिशत से संशोधित करके 5.3 प्रतिशत कर दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की पहली छमाही में खाद्य (फूड) और ऊर्जा की कीमतों में गिरावट के कारण कई देशों में हेडलाइन मुद्रास्फीति (headline inflation) में कमी जारी रही है, लेकिन मुख्य मुद्रास्फीति में बहुत बेहतर कमी नहीं आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘एक प्रमुख रिस्क यह है कि मुद्रास्फीति उम्मीद से अधिक लगातार बनी रह सकती है, जिसका मतलब है कि ब्याज दरों को और सख्त करने की जरूरत है नहीं तो लंबे समय तक यह ऊंची बनी रहेगी।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, इंडोनेशिया, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका समेत कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अगले साल नीति में कुछ नरमी की गुंजाइश है।

वित्त वर्ष 25 के लिए घटा GDP वृद्धि का अनुमान

OECD की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान पहले के 7 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया गया है।

OECD ने दी सलाह- व्यापार पर प्रतिबंध पड़ेगा महंगा

OECD ने तब तक के लिए प्रतिबंधात्मक मौद्रिक नीति (restrictive monetary policy) का आह्वान किया है जब तक कि अंतर्निहित मुद्रास्फीति दबाव (underlying inflationary pressures) स्थायी रूप से यानी लगातार कम होने के संकेत न मिलें रहे हैं। इसमें कहा गया है कि राजकोषीय नीति (fiscal policy) को भविष्य के खर्च के दबाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

OECD ने देशों को यह भी सलाह दी है कि आर्थिक सुरक्षा के बारे में चिंताओं को लेकर सरकारों को व्यापार बाधाओं को कम करने के अवसरों का लाभ उठाने से नहीं रोकना चाहिए, खासकर सर्विस सेक्टर में। OECD की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘व्यापार प्रतिबंध कम करने से उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी) और विकास को बढ़ावा मिलेगा।’

First Published - September 20, 2023 | 11:06 AM IST

संबंधित पोस्ट