इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय (MeitY) ने बुधवार को भारत की अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान लगाने का काम करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। संबंधित एजेंसी को इस सिलसिले में रैंकिंग और विभिन्न राज्यों की हिस्सेदारी का आंकड़ा भी तैयार करना होगा।
इसमें रुचि लेने वाली एजेंसी डिजिटल अर्थव्यवस्था मापन का ढांचा तैयार करने पर भी काम कर सकती है। उसे राज्यों की डिजिडल अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान लगाने के साथ ही डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकार के हिसाब से राज्यों की रैंकिंग करनी होगी।
जैसा कि पहले खबर दी गई थी, सरकार ने G-20 सम्मेलन के दौरान भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की सफलता का प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जो यहां दिसंबर में होना है। भारत अन्य देशों की डिजिटल अर्थव्यवस्था और भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा बनाने क लिए सशर्त मदद भी कर सकता है।
देश के ट्रिलियन डॉलर डिजिटल अवसर को लेकर भारत ने 2019 में रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल बदलाव से जिन इलाकों में सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, या कम सेवाओं वाले इलाकों में बदलाव होगा। इससे 2025 तक 1 लाख करोड़ डॉलर के आर्थिक मूल्य का सृजन होगा और 6 से 6.5 करोड़ नौकरियों का सृजन होगा। इसमें कहा गया है कि 1 लाख करोड़ डॉलर के आर्थिक मूल्य में से 390 से 500 अरब डॉलर के करीब कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में डिजिटल ऐप्लीकेशन से आएगा।
मंत्रालय ने आवेदन प्रस्ताव में कहा है कि अध्ययन में 30 डिजिटल थीम चिह्नित किए गए हैं, जिसमें आईटी इन्फ्रा, सॉफ्टवेयर क्षमता, स्वास्थ्य शिक्षा से लेकर अगली पीढ़ी की वित्तीय सेवाएं शामिल हैं।