अर्थव्यवस्था

India-UK FTA: एफटीए पर अगले साल फिर बात करेंगे भारत और ब्रिटेन

भारत का 14वां बड़ा व्यापारिक भागीदार के साथ चौथा बड़ा निर्यात मार्केट ब्रिटेन है। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार $11.5 अरब पहुंच गया।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- November 19, 2024 | 9:57 PM IST

भारत और ब्रिटेन अगले साल मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत शुरू करेंगे। दोनों देशों में आम चुनाव होने के कारण वार्ता महीनों से लंबित थी।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर के बयान के अनुसार, ‘भारत के साथ नए व्यापार समझौते से ब्रिटेन में नौकरियों और संपन्नता को मदद मिलेगी – यह हमारे देशभर में वृद्धि और अवसरों को मुहैया कराने के मिशन में कदम बढ़ाने का परिचायक है।’

ब्राजील में जी 20 की बैठक के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीयर स्टार्मर की बीच बैठक हुई और उसके बाद यह घोषणा की गई। यह इन दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक थी।

भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जारी वक्तव्य में कहा, ‘दोनों नेताओं ने समय से पूर्व मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करने के महत्त्व को उजागर किया। दोनों नेताओं ने लंबित मुद्दों को परस्पर संतुष्टि के स्तर तक हल करने में वार्ताकार दलों की क्षमता में विश्वास जताया। यह समाधान संतुलित, दोनों पक्षों के लिए लाभकारी और मुक्त व्यापार समझौते की ओर अग्रसर होने का विश्वास जताया गया है।’

मोदी और स्टार्मर ने बैठक के दौरान अपने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को भारत-ब्रिटेन समग्र रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा बनी विभिन्न समझ को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया।भारत और ब्रिटेन जनवरी, 2022 से व्यापार समझौते पर वार्ता कर रहे हैं।

यह समझौता अक्टूबर, 2022 की दिवाली तक संपन्न होने की महत्वाकांक्षा थी लेकिन ब्रिटेन के तत्कालीन बोरिस जॉनसन के त्यागपत्र के कारण लंबित हो गया। जॉनसन के बाद ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने और उनके कार्यकाल में पर्याप्त प्रगति हुई। लेकिन दोनों देशों में आम चुनाव के कारण मुक्त व्यापार वार्ता लंबित हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने जून में प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ली और ब्रिटेन में नई लेबर सरकार ने जुलाई में कार्यभार संभाला। अभी तक दोनों देशों के बीच 14 दौर की बातचीत हो चुकी है। अंतिम दौर की बातचीत मध्य मार्च में भारत में चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले हुई थी।

बयान के मुताबिक, ‘ब्रिटेन के कारोबार और व्यापार सचिव ने मुक्त व्यापार समझौता पर वार्ता फिर शुरू करने की जुलाई में प्रतिबद्धता जताई थी…कारोबार और व्यापार विभाग औद्योगिक रणनीति के अनुरूप सरकार की नई रणनीति की फिर से घोषणा करेगा। इससे भविष्य की व्यापार वार्ताओं में मदद मिलेगी। इससे दीर्घावधि के चिरस्थायी लक्ष्यों सहित व्यापार से समावेशी व मजबूत वृद्धि हासिल होगी।’

भारत का 14वां बड़ा व्यापारिक भागीदार ब्रिटेन है। भारत का चौथा बड़ा निर्यात मार्केट ब्रिटेन है। इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 11.5 अरब डॉलर पहुंच गया। ब्रिटेन को ब्रेग्जिट के बाद के विश्व से व्यापारिक संबंध स्थापित करने हैं और इसके लिए भारत के साथ व्यापार समझौता करना अनिवार्य है।

First Published : November 19, 2024 | 9:53 PM IST