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व्यापार घाटा घटने और धन प्रेषण बढ़ने से दूसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा कम होकर 1.3% पर पहुंचा

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक चालू खाते के घाटे में आई कमी की वजह वस्तु व्यापार का घाटा कम होने और विदेश में काम करने वाले लोगों द्वारा देश में अधिक धन भेजे जाने की वजह से है

Last Updated- December 01, 2025 | 9:54 PM IST
Reserve Bank of India (RBI)
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही) में भारत का चालू खाते का घाटा कम होकर 12.3 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.3 प्रतिशत रह गया है।  यह पिछले साल की समान अवधि में 20.8 अरब डॉलर (जीडीपी का 2.2 प्रतिशत) था।

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक चालू खाते के घाटे में आई कमी की वजह वस्तु व्यापार का घाटा कम होने और विदेश में काम करने वाले लोगों द्वारा देश में अधिक धन भेजे जाने की वजह से है। इक्रा में मुख्य अर्थशात्री अदिति नायर ने कहा कि चालू खाते के घाटे में कमी एजेंसी के अनुमान 17 अरब डॉलर से थोड़ा कम रहा है, जो मुख्य रूप से वस्तु व्यापार में घाटा कम होने और उम्मीद से अधिक धन प्रेषण की वजह से हुआ है।

वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में वस्तु व्यापार घाटा घटकर 87.4 अरब डॉलर रह गया, जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में  88.5 अरब डॉलर था। प्राथमिक आय खाते में शुद्ध आवक बढ़कर सितंबर 2025 तिमाही में 12.2 अरब डॉलर हो गई है, जो एक साल पहले 9.2 अरब डॉलर थी।

व्यक्तिगत स्थानांतरण से प्राप्तियां, जिसमें मुख्य रूप से विदेश में काम कर रहे भारतीयों द्वारा भेजा गया धन शामिल होता है, बढ़कर 38.2 अरब डॉलर हो गया है, जो एक साल पहले 34.4 अरब डॉलर था।

First Published - December 1, 2025 | 9:49 PM IST

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