facebookmetapixel
HAL से लेकर टाटा, अदाणी और L&T तक, भारत के पहले स्टील्थ फाइटर के लिए कड़ा मुकाबला शुरूअक्टूबर में IPO का सुपर शो! भारतीय शेयर मार्केट जुटा सकता है 5 अरब डॉलर, निवेशकों में जोशPPF vs RD: ₹1 लाख निवेश करने पर 10-15 साल में कितना होगा फायदा?RBI MPC MEET: आरबीआई का ब्याज दरों पर फैसला आज, होम, कार और पर्सनल लोन की EMI घटेगी?Fuel Prices: तेल कंपनियों ने 1 अक्टूबर से बढ़ाए कमर्शियल LPG और ATF के दामकेंद्र ने UPS पेंशन योजना की समय सीमा बढ़ाई, सभी कर्मचारी अब नवंबर तक चुन सकते हैं विकल्पStocks to Watch: Nestle India से लेकर Lupin, ICICI Bank और Oil India तक; आज इन स्टॉक्स में दिखेगा एक्शनStock Market Update: आरबीआई के फैसले से पहले निवेशक सतर्क, सेंसेक्स 60 अंक ऊपर; निफ्टी 24635 के करीबमोतीलाल ओसवाल ने अक्टूबर 2025 के लिए चुने ये 5 तगड़े स्टॉक्स, निवेशकों के पास बढ़िया मौकाइन्फोपार्क से मिलेगी केरल के प्रगति पथ को और रफ्तार

India GDP: भारत की वृद्धि पांच सालों में 6.5 से 7 फीसदी रहने की उम्मीद

India GDP growth rate: यूबीएस का अनुमान: भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 26-30 में 6.5-7% रहेगी

Last Updated- June 10, 2024 | 11:10 PM IST
India GDP growth forecast

भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 26) और 2029-30 (वित्त वर्ष 30) के दौरान 6.5 से 7 फीसदी के बीच कायम रहने की उम्मीद है। यह अनुमान यूबीएस सिक्योरिटीज ने सोमवार को जताया। यूएसबी सिक्योरिटीज की मुख्य अर्थशास्त्री तनवी गुप्ता जैन ने बताया, ‘मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भारत के 7 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। महामारी के बाद के दौर में सरकार के व्यय करने और रियल एस्टेट की जबरदस्त मांग के कारण पूंजीगत व्यय चक्र में सुधार हुआ है।’

भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की हालिया समीक्षा में वित्त वर्ष 25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृदि्ध के अनुमान को संशोधित करके 7.2 फीसदी कर दिया है जबकि अप्रैल में यह अनुमान 7 फीसदी जताया गया था। यूबीएस ने बताया कि चुनाव के बाद के दौर में कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय के सुधरने की उम्मीद है और इसका प्रभाव वित्त वर्ष 26 में दिखाई देगा।

मौजूदा वित्त वर्ष में घरेलू खपत में सालाना आधार पर 5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है। इस वृद्धि को प्रीमियम और ग्रामीण खंड से प्रमुख तौर पर वृद्धि मिलेगी जबकि शहरी लोगों की मांग की मांग सुस्त रहने की उम्मीद है। वैश्विक स्तर पर आयात में सुधार और सेवा निर्यात में इजाफे के कारण निर्यात में कुछ सुधार होने की उम्मीद है।

तनवी गुप्ता जैन ने मासिक मुद्रास्फीति पूर्वानुमान के हवाले से बताया कि महंगाई आरबीआई के पूरे साल की 4.5 फीसदी के अनुमान से कम रह सकती है। उन्होंने बताया, ‘हालांकि हमारे मासिक पूर्वानुमान अनुमान का दायरा बता रहा है कि महंगाई पूरे साल के लिए आरबीआई के 4.5 फीसदी के अनुमान से कम रह सकता है। लिहाजा हम जुलाई में आगामी बजट की घोषणाओं के विवरण का इंतजार करेंगे और खाद्य महंगाई के जोखिम पर नजर रखेंगे।’

उ्न्होंने बताया कि जब तक महंगाई या वृद्धि में महत्त्वपूर्ण रूप से गिरावट नहीं होती है तब तक ब्याज दरों में कटौती सीमित रहने की उम्मीद है। भारत के लिए आर्थिक की आर्थिक स्थितियां अनुकूल रहने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के असुरक्षित ऋण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के कारण मौद्रिक नीति समिति को तत्काल ब्याज दरों या रुख में परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है। फरवरी 2025 की नीतिगत समीक्षा से ब्याज में 50 आधार अंक की कटौती शुरू होने की उम्मीद है।

 

First Published - June 10, 2024 | 11:10 PM IST

संबंधित पोस्ट