facebookmetapixel
अमेरिका-चीन में ट्रेड फ्रेमवर्क को लेकर बनी सहमति, ट्रंप-शी मुलाकात का रास्ता साफइन्वेस्ट यूपी के बाद योगी सरकार का नया फैसला, जिला उद्योग केंद्रों को कॉरपोरेट रूप देने की योजनाQ2 Results: इस हफ्ते 300 से ज्यादा कंपनियों के नतीजे, लिस्ट में अदाणी ग्रुप की 3 कंपनियां; देखें पूरी लिस्टPSU Stock: रेलवे पीएसयू कंपनी को मिला ₹168 करोड़ का ऑर्डर, सोमवार को शेयर में दिख सकता है तगड़ा एक्शनLenskart 31 अक्टूबर को लॉन्च करेगा IPO, 2,150 करोड़ रुपये जुटाने का है लक्ष्यDividend Stocks: अगले हफ्ते Infosys, CESC और Tanla Platforms शेयरधारकों को देंगे डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टStock Market Outlook: Q2 नतीजों से लेकर फेड के फैसले और यूएस ट्रेड डील तक, ये फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चालअनिल अग्रवाल की Vedanta ने $500 मिलियन बांड जारी कर कर्ज का बोझ घटायाMaruti Suzuki के दम पर भारत का वाहन निर्यात 18% बढ़ा: SIAMअदाणी की फंडिंग में US इंश्योरर्स की एंट्री, LIC रही पीछे

मिलकर काम करेंगे भारत और EU, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- रुकावट पैदा करने का इरादा नहीं

Last Updated- May 17, 2023 | 10:18 PM IST
Piyush Goyal- पीयूष गोयल

भारत और यूरोपीय संघ उन मसलों पर अपनी बातचीत तेज करेंगे, जो कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (CBAM) को लागू करने करने में व्यवधान बन सकते हैं। मंगलवार को भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं तकनीक परिषद (TTC) की पहली बैठक के बाद ब्रसेल्स में मीडिया को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष सही समाधान निकालने के लिए मिलकर काम करेंगे क्योंकि अभी CBAM लागू किए जाने में लंबा वक्त है।

गोयल ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि बाधा पैदा करने का इरादा नहीं है, बल्कि आगे की राह निकालने का इरादा है। इसलिए हमारे संयुक्त प्रयासों में सततता अहम है, जिससे अगली पीढ़ी के लिए बेहतर दुनिया बनाई जा सके। हम इस मसले पर बात कर रहे हैं।’

भारत को CBAM के असर को लेकर चिंता रही है। इसकी वजह से आयातित कार्बन केंद्रित उत्पादों पर शुल्क लग सकता है। भारत का मानना है कि इस तरह के कदम से भारत को यूरोपीय संघ के कारोबारी साझेदारों के बाजार तक पहुंच में समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें व्यापारिक मामलों में पर्यावरण संबंधी मसले आ जाएंगे।

यूरोपीय आयोग के कार्यकारी वाइस प्रेसीडेंट वाल्डिस डोम्ब्रोवस्किस ने कहा कि ईयू विश्व व्यापार संगठन के मानकों के मुताबिक कार्बन सीमा के कदमों को लागू किया जाने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने को लेकर सावधान है और यह गैर विभेदकारी होगा।

उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने टीसीसी के माध्यम से कार्बन सीमा कदमों पर बातचीत को तेज करने का फैसला किया है। टीसीसी के तहत संयुक्त अध्यक्षता में काउंसिल की पहली बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि अगली बैठक 2024 की शुरुआत में भारत में होगी, जिसमें इस दिशा में हुई प्रगति और आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला किया जाएगा।

Also read: खरीफ सत्र में गैर यूरिया फर्टिलाइजर्स के लिए 38,000 करोड़ रुपये मंजूर

व्यापार, विश्वसनीय तकनीक और सुरक्षा के स्तर पर आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और यूरोपीय संघ ने पिछले साल अप्रैल में व्यापार और तकनीक परिषद गठित करने पर सहमति जताई थी। ऐसी परिषद भारत के किसी भी साझेदार के साथ पहली है और यूरोपीय संकट के लिए दूसरी है, जिसने पहली परिषद का गठन अमेरिका के साथ किया था। इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, कौशल विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर मौजूद थे।

संयुक्त बयान में कहा गया, ‘भू-रणनीतिक चुनौतियों ने यूरोपीय संघ और भारत के साझा हित को मजबूत किया है ताकि साझा मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके। टीटीसी यूरोपीय संघ-भारत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा, जो फिलहाल ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर है। वर्ष 2022 में 120 अरब यूरो मूल्य की वस्तुओं का कारोबार हुआ, जबकि इसी वर्ष 17 अरब यूरो मूल्य के बराबर डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का कारोबार हुआ था।’

First Published - May 17, 2023 | 10:18 PM IST

संबंधित पोस्ट