भारत और यूरोपीय संघ उन मसलों पर अपनी बातचीत तेज करेंगे, जो कार्बन सीमा समायोजन व्यवस्था (CBAM) को लागू करने करने में व्यवधान बन सकते हैं। मंगलवार को भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं तकनीक परिषद (TTC) की पहली बैठक के बाद ब्रसेल्स में मीडिया को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष सही समाधान निकालने के लिए मिलकर काम करेंगे क्योंकि अभी CBAM लागू किए जाने में लंबा वक्त है।
गोयल ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि बाधा पैदा करने का इरादा नहीं है, बल्कि आगे की राह निकालने का इरादा है। इसलिए हमारे संयुक्त प्रयासों में सततता अहम है, जिससे अगली पीढ़ी के लिए बेहतर दुनिया बनाई जा सके। हम इस मसले पर बात कर रहे हैं।’
भारत को CBAM के असर को लेकर चिंता रही है। इसकी वजह से आयातित कार्बन केंद्रित उत्पादों पर शुल्क लग सकता है। भारत का मानना है कि इस तरह के कदम से भारत को यूरोपीय संघ के कारोबारी साझेदारों के बाजार तक पहुंच में समस्या हो सकती है, क्योंकि इसमें व्यापारिक मामलों में पर्यावरण संबंधी मसले आ जाएंगे।
यूरोपीय आयोग के कार्यकारी वाइस प्रेसीडेंट वाल्डिस डोम्ब्रोवस्किस ने कहा कि ईयू विश्व व्यापार संगठन के मानकों के मुताबिक कार्बन सीमा के कदमों को लागू किया जाने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने को लेकर सावधान है और यह गैर विभेदकारी होगा।
उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने टीसीसी के माध्यम से कार्बन सीमा कदमों पर बातचीत को तेज करने का फैसला किया है। टीसीसी के तहत संयुक्त अध्यक्षता में काउंसिल की पहली बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि अगली बैठक 2024 की शुरुआत में भारत में होगी, जिसमें इस दिशा में हुई प्रगति और आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला किया जाएगा।
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व्यापार, विश्वसनीय तकनीक और सुरक्षा के स्तर पर आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और यूरोपीय संघ ने पिछले साल अप्रैल में व्यापार और तकनीक परिषद गठित करने पर सहमति जताई थी। ऐसी परिषद भारत के किसी भी साझेदार के साथ पहली है और यूरोपीय संकट के लिए दूसरी है, जिसने पहली परिषद का गठन अमेरिका के साथ किया था। इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, कौशल विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर मौजूद थे।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘भू-रणनीतिक चुनौतियों ने यूरोपीय संघ और भारत के साझा हित को मजबूत किया है ताकि साझा मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके। टीटीसी यूरोपीय संघ-भारत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा, जो फिलहाल ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर है। वर्ष 2022 में 120 अरब यूरो मूल्य की वस्तुओं का कारोबार हुआ, जबकि इसी वर्ष 17 अरब यूरो मूल्य के बराबर डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का कारोबार हुआ था।’