चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों द्वारा चुकाया गया अग्रिम कर इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 46 फीसदी अधिक रहा। इससे संकेत मिलता है कि कर संग्रह में अच्छी वृद्धि होगी, जिससे सरकार को ऊंचे सब्सिडी बिल की कुछ हद तक भरपाई करने में मदद मिलेगी।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर सहित कुल अग्रिम कर संग्रह 48 फीसदी बढ़कर 42,679 करोड़ रुपये रहा। कॉरपोरेट अग्रिम कर मद में 26,798.6 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो पिछले साल समान अवधि में 18,357.5 करोड़ रुपये थे। इसी तरह व्यक्तिगत आयकर का अग्रिम भुगतान 15,881 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की पहली तिमाही के 10,422 करोड़ रुपये से 52.4 फीसदी अधिक है।
अग्रिम कर संग्रह का यह आंकड़ा अंतरिम है और 1 अप्रैल से 15 जून तक का है, जिसमें बाद में संशोधन हो सकता है। एक सूत्र ने बताया कि बैंकों से जानकारी मिलने का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आंकड़े संशोधित किए जा सकते हैं। अग्रिम कर संग्रह की पहली किस्त के अंतिम आंकड़े 17 से 18 जून तक आएंगे। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 2.81 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1.85 लाख करोड़ रुपये से 51 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2023 में प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 14.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। सूत्रों के अनुसार 15 जून तक केंद्र को 3.10 लाख करोड़ रुपये बतौर कर मिल चुके है।
सरकार इस समय सतत विकास, मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटे को संतुलित रखने और रुपये में स्थिरता बनाने के लिए वैश्विक वृहद आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है। मुद्रास्फीति का असर कम करने के लिए सरकार ने पिछले महीने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाया था और कुछ चीजों पर सीमा शुल्क में भी रियायत देने की घोषणा की थी।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने इस महीने की शुरुआत में बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा था कि तेल मार्केटिंग कंपनियों से कम कर मिलने के कारण अग्रिम कर संग्रह पर कुछ असर पड़ सकता है। बजट में वित्त वर्ष 2023 के दौरान कुल कर संग्रह 27.58 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 25.16 लाख करोड़ रुपये से 9.6 फीसदी अधिक है। हालांकि बजाज ने कहा था कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी की उम्मीद है, जिससे पूरे वित्त वर्ष में केंद्रीय जीएसटी बजट अनुमान से 1.15 लाख करोड़ रुपये अधिक और प्रत्यक्ष कर संग्रह अनुमान से 2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रह सकता है।
अधिकतर शहरों में पहली तिमाही के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 30 फीसदी से अधिक रहा है। मुंबई में यह 60 फीसदी, बेंगलूरु और दिल्ली में 56 फीसदी और पुणे एवं चेन्नई में यह 40 फीसदी ज्यादा रहा है।
अग्रिम कर का भुगतान पूरे वित्त वर्ष के दौरान चार किस्तों में किया जाता है। इसे आर्थिक तस्वीर का नमूना भी माना जाता है। पहली किस्त में 15 जून तक 15 फीसदी अग्रिम कर, दूसरी किस्त में 15 सितंबर तक 30 फीसदी, तीसरी किस्त में 15 दिसंबर तक 30 फीसदी और चौथी किस्त में 15 मार्च तक शेष कर का भुगतान करना होता है। जिन करदाताओं की साल में 10,000 रुपये या इससे अधिक की कर देनदारी बनती है, उन्हें अग्रिम कर के रूप में कर का अग्रिम भुगतान करना होता है।