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नई निर्यात नीति के अहम फैसले

Last Updated- December 05, 2022 | 9:16 PM IST

वर्ष 2008-09 के लिए निर्यात का लक्ष्य : 8000 अरब रुपये
वर्ष 2007-08 में लक्ष्य था : 6400 अरब रुपये
निर्यात किया गया : 6200 अरब रुपये


निर्यातोन्मुख इकाइयों को आयकर रियायत 2010 तक : खासतौर से निर्यात के लिए स्थापित इकाइयों को आयकर में सौ फीसदी छूट की सीमा को 31 मार्च 2009 से बढ़ाकर 2010 तक कर दिया गया है। इससे देशभर के करीब 23,00 निर्यात इकाइयों को लाभ होगा।


दूरसंचार क्षेत्र के लिए निर्यात संवर्द्धन परिषद का गठन : दूरसंचार के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर आई तेजी को देखते हुए इससे संबंधित उत्पादों के निर्यात के लिए एक अलग से निर्यात संवर्द्धन परिषद गठनकरने की बात कही गई है।


खिलौनों और खेल के साज सामान पर अतिरिक्त रियायत : खेल के सामान और खिलौनों के निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से सीमा शुल्क में 5 फीसदी छूट दी गई।



ईपीसीजी के तहत सीमा शुल्क तीन प्रतिशत : पूंजीगत उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेश व्यापार नीति के तहत सीमा शुल्क को 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किया।


डीईपीबी स्कीम का विस्तार मई 2009 तक : 31 मार्च, 2008 को खत्म होने वाली इस स्कीम को सरकार ने नए वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि पिछले दिनों सीमेंट, स्टील, मैगनीज आदि की घरेलू बाजार में आपूर्ति बेहतर बनाने के लिए इसे डीईपीबी स्कीम से हटा दिया गया था।

First Published - April 11, 2008 | 11:15 PM IST

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