IMF-FSB plan: भारतीय क्रिप्टो उद्योग ने मराकेश में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) द्वारा क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर प्रस्तावित योजना को अपनाए जाने पर खुशी जताई है। उद्योग प्रतिभागियों का मानना है कि क्रिप्टो के लिए खास दिशानिर्देश तैयार करने के लिए प्रगतिशील नियम एवं सक्रिय दृष्टिकोण से देश में क्रिप्टो उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में मौजूद क्रिप्टो कारोबारियों ने उम्मीद जताई है कि इस विनियम को लागू करने और पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण के लिए नियामकीय दक्षताओं से लैस क्रिप्टो नियामक प्राधिकरण की स्थापना अगले 18 महीनों में की जा सकती है।
क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन ने कहा, ‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि क्रिप्टो परिसंपत्ति का परिवेश पूरी तरह निर्धारित नियामकीय ढांचे के तहत कार्य करता है और वह स्थिरता एवं निवेशक सुरक्षा को प्रोत्साहित करता है। अब हमारे पास एक योजना है और हम उम्मीद करते हैं कि अगले 18 महीनों के भीतर उसे लागू किया जाएगा।’
कंपनियों ने उम्मीद जताई है कि नीतिगत दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले केंद्र उद्योग के सभी हितधारकों के साथ स्पष्ट तौर पर विचार-विमर्श करेगा।
क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनडीसीएक्स के मुख्य सार्वजनिक नीति अधिकारी किरण मैसूर विवेकानंद ने कहा, ‘हम एक कारोबारी के तौर पर केवल इतना अनुरोध करना चाहते हैं कि किसी भी नियम अथवा दिशानिर्देश को अंतिम रूप देने से पहले सरकारी एजेंसियां एवं नियामक हमारे साथ-साथ सभी हितधारकों के साथ संपर्क अवश्य करें।‘
भारतीय क्रिप्टो कारोबारियों के लिए यह स्पष्टता काफी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ समय से इस मुद्दे पर अनिश्चितता के कारण उनके उपयोगकर्ताओं की संख्या प्रभावित हुई है। परिसंपत्ति पर कराधान, बाजार में नरमी और नियामकीय अनिश्चितता जैसे कारकों ने कारोबार को प्रभावित किया है।