facebookmetapixel
अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदी

कर घटाने पर कितना ईंधन भरोगे : दिल्ली सरकार

Last Updated- December 05, 2022 | 9:15 PM IST

दिल्ली सरकार ने एयरलाइनों से विस्तार में जानना चाहा है कि विमानों के ईंधन (एटीएफ) पर बिक्री कर घटाने से दिल्ली एयरपोर्ट से कितना ज्यादा ईंधन भरा जा सकता है।


उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि एयरलाइनों के प्रतिनिधि पिछले कई दिनों से एटीएफ पर बिक्री कर को 20 प्रतिशत से 4 प्रतिशत करने के आग्रह के साथ सरकार से मिल चुके हैं। अब सरकार उन्हीं से यह पूछ रही है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर कितने ईंधन का संग्रह किया जाए ताकि बिक्री कर में कमी करने के बाद भी राजस्व पर कोई प्रभाव न पडे।


देश के कुल घरेलू एयर ट्रैफिक का 25 प्रतिशत दिल्ली से ही संचालित होता है। विमान कंपनियां दिल्ली एयरपोर्ट से करीब 20 प्रतिशत ईंधन भरती हैं। दिल्ली की एक बजट एयरलाइन कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि अगर कर में छूट दी जाती है तो एयरपोर्ट पर ईंधन की खपत में 25 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी।


 घरेलू उड़ानों के लिए ईंधन और एटीएफ की खपत में वृद्धि होने से एक एयरलाइन के राजस्व में भी बढाेतरी होगी। मिसाल के तौर पर स्पाइस जेट जैसी कंपनियां 2008-09 में ईंधन के मद में 1000 करोड रुपये खर्च करने की योजना बना रही हैं। इनमें से 200 करोड रुपये का ईंधन तो अकेले दिल्ली एयरपोर्ट पर भरा जाएगा।


अगर एटीएफ पर बिक्री कर 20 प्रतिशत से घटा कर इसे 4 प्रतिशत कर दिया जाता है तो इस एयरलाइन को साल में बतौर बिक्री कर मात्र 8 करोड़ रुपये चुकाने होंगे जबकि पुरानी कर व्यवस्था में 40 करोड़ रुपये चुकाने होते हैं।


वर्तमान में एटीएफ के जरिये विमान कंपनियां अपने कुल खर्च का 45 प्रतिशत खर्च करती है। आंध्रप्रदेश और केरल सरकार ने एटीएफ को 4 प्रतिशत कर दिया है। वैसे देशभर में औसतन एटीएफ की दर 30 प्रतिशत है और अगर इसे 4 प्रतिशत कर दिया जाता है तो विमान किराये में भी 10 प्रतिशत की कमी हो सकती है।


एयर इंडिया, स्पाइस जेट, गो एयर और इंडिगो जैसी विमान कंपनियां तो एटीएफ मूल्यों में हुई कमी से फायदा उठाने के लिए हैदराबाद और कोच्चि एयरपोर्ट से इसे खरीदने की सोच रही है।

First Published - April 11, 2008 | 11:10 PM IST

संबंधित पोस्ट