facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

GVA growth: दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर

अच्छे मॉनसून के चलते कृषि क्षेत्र में सुधार, शहरी मांग में सुस्ती के बीच समग्र खपत को मिल सकता है समर्थन

Last Updated- November 29, 2024 | 10:39 PM IST
India- Moldova to work together in agriculture field

वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र व उससे जुड़े क्षेत्रों की सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि 3.5 प्रतिशत रही जबकि अन्य क्षेत्रों में कम वृद्धि हुई। कृषि क्षेत्र की अच्छी जीवीए वृद्धि में अच्छे मॉनसून का योगदान रहा है। ऐसे में कृषि क्षेत्र में जीवीए वृद्धि का महत्त्वपूर्ण पक्ष यह है कि अच्छी बारिश ने इस क्षेत्र में आने वाली तिमाहियों में बेहतर जीवीए प्रदर्शन का आधार बना दिया है।

पहली तिमाही में कृषि व उससे जुड़े क्षेत्रों की जीवीए वृद्धि 2.0 प्रतिशत थी। इस क्षेत्र में बीती चार तिमाहियों में 0.4 से 2.0 प्रतिशत के बीच वृद्धि दर्ज हुई जो उम्मीद से कम वृद्धि थी। वित्त वर्ष 25 में कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन और 4 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने पर ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलना चाहिए।

ग्रामीण मांग में वृद्धि वित्त वर्ष 25 में घरेलू खपत की मांग के अंतिम विश्लेषण के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण हो सकती है। ग्रामीण उपभोक्ताओं की मांग अधिक प्रासंगिक हो गई है क्योंकि शहरी उपभोक्ता मांग में सुस्ती कायम है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारा अनुमान है कि अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में जीवीए वृद्धि और बेहतर हो सकती है। इसका कारण यह है कि इस अवधि में जबरदस्त खरीफ फसल का पूरा प्रभाव आ चुका होगा और रबी की बोआई का रुझान भी सामने आ जाएगा।’

उन्होंने कहा कि यदि अच्छे मॉनसून के बलबूते ग्रामीण क्षेत्र में वृद्धि होती है तो यह समग्र खपत में भी योगदान दे सकती है। इसका कारण यह है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की गति से शहरी क्षेत्र नहीं बढ़ पा रहा है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने भी कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बूते खपत में सुधार होने की उम्मीद है।

First Published - November 29, 2024 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट