वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद अपनी दो दिवसीय बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर सट्टे और जुए के बराबर 28 फीसदी कर लगाने के प्रस्ताव पर विचार करेगी। इनमें ‘केवल इस आधार पर विभेद किया जाना चाहिए कि कोई गतिविधि एक कौशल का खेल है या संयोग या दोनों।’इनके अलावा परिषद राजस्व चोरी रोकने के लिए जीएसटी प्रणाली के तहत कड़े प्रवर्तन उपाय लागू करने के बारे में भी विचार कर सकती है।
इस बारे में जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि ये दो मंत्रिसमूहों की सिफारिशों के अनुरूप होंगी। इन मंत्रिसमूहों द्वारा अपनी-अपनी रिपोर्ट मंगलवार और बुधवार को परिषद की बैठक में रखे जाने के आसार हैं।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुआई वाले मंत्रिसमूह को फैंटेसी स्पोर्ट्स और कसीनो पर कर की पड़ताल करने का काम सौंपा गया था। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुआई वाले एक अन्य मंत्रिसमूह को कर चोरी रोकने के लिए जीएसटी प्रणाली में सुधार के तरीके सुझाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
ये रिपोर्ट इसलिए अहम हैं क्योंकि अगर इन्हें परिषद की मंजूरी मिलती है तो इससे राजस्व संग्रह बढ़ाने में मदद मिलेगी। वह भी ऐसे समय जब राजस्व में कमी की खातिर राज्यों के लिए मुआवजा व्यवस्था इस महीने खत्म होने जा रही है।
माना जा रहा है कि परिषद मुकदमेबाजी को निपटाने के लिए जीएसटी न्यायाधिकरण की स्थापना के ढांचे की भी समीक्षा करेगी।
ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्रिसमूह की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि कसीनो, रेस कोर्स, ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी पर ‘एकसमान’ (दर और मूल्य दोनों के लिहाज से) जीएसटी लगाया जाना चाहिए। यह इन सभी गतिविधियों पर 28 फीसदी की दर से लगाया जाना चाहिए।
इस समय ज्यादातर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म प्रत्येक गेम से प्राप्त कमीशन पर 18 फीसदी कर चुकाते हैं, जबकि सट्टे या जुए पर 28 फीसदी कर लगाया जाता है। घुड़दौड़ में लगाए गए कुल दावों के मूल्य पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है। ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और इसमें बेहतर राजस्व की क्षमता भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार में इसकी बड़ी हिस्सेदारी और राजस्व अहम अनुमानों को ध्यान में रखते हुए इसका बड़ा वित्तीय प्रभाव संभव है।
रिपोर्ट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि जीएसटी लगाने के उद्देश्य से, इन गतिविधियों में केवल इस आधार पर कोई अंतर नहीं किया जाना चाहिए कि एक गतिविधि, कौशल वाला खेल है या किसी अवसर मिलने या फिर दोनों का खेल है।
मंत्रिसमूह ने यह भी फैसला किया कि ऑनलाइन गेमिंग के मामले में, प्रतियोगिता प्रवेश शुल्क सहित ‘पूर्ण मूल्य’ के आधार पर कर लगाया जाएगा, जो किसी खिलाड़ी द्वारा कौशल या मौके का खेल होने का भेद किए बिना इस तरह के खेलों में भाग लेने के लिए भुगतान किया जाता है।
रेस कोर्स के संबंध में पैनल का विचार है कि 28 प्रतिशत कर पूरे सट्टे के मूल्य पर लगाया जाएगा जबकि कसीनो के मामले में खिलाड़ियों द्वारा खरीदे गए सिक्कों के मूल्य पर कर लगाया जाएगा।
समिति ने जीएसटी डेटा को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के साथ एकीकृत करने सहित कई उपायों का प्रस्ताव दिया है ताकि स्थायी खाता संख्या (पैन) से जुड़े सभी बैंक खातों को अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सके। इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी के मामले में कर अधिकारियों को सतर्क होने में मदद मिलेगी।
