फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन वाली कंपनियों पर शिंकजा कसने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) और आयकर विभाग 16 मई से विशेष अभियान शुरू करेंगे। इस क्रम में जीएसटी विभाग के अधिकारी ‘डोर-टू-डोर’ जाकर सत्यापन करेंगे। कारोबारी संगठनों ने प्रस्तावित अभियान के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। कारोबारी संगठनों का कहना है कि इससे बाजार में भय व अफवाह फैलेगी। कारोबारी परेशान होंगे और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री व अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि जीएसटी विभाग 16 मई से व्यापारियों के कार्यस्थलों पर ‘डोर टू डोर’ सत्यापन करेगा। जीएसटी नंबर देने से पहले यह सत्यापन किया जाता है। विभाग के फिर सत्यापन करने की मंशा क्या है, इसे स्पष्ट करना चाहिए। व्यापारियों को भय है कि यह मुहिम सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी।
कपड़ा कारोबारियों की प्रमुख संस्था भारत मर्चेंट के ट्रस्टी राजीव सिंगल कहते हैं कि बोगस कंपनियों के नाम पर पूरे बाजार में भय फैलाया जा रहा है। विभाग के पास बोगस कंपनियां के बारे में जानकारी है। विभाग के पास लेन-देन के गलत दस्तावेज पेश करने के प्रमाण हैं। लिहाजा विभाग को अभियान ‘डोर टू डोर’ की जगह ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।