सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के आठ कोर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स (जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल हैं) की ग्रोथ जुलाई 2025 में सिर्फ 2 % रही। यह दो महीने में सबसे कम है, जबकि जून में यह 2.2 % थी, और पिछले वर्ष जुलाई में यह 6.3 % थी।
जुलाई 2025 में पाँच महत्वपूर्ण क्षेत्रों—कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, और रिफाइनरी उत्पाद—में उत्पादन गिरावट दर्ज हुई।
वहीं, कुछ क्षेत्रों ने सकारात्मक प्रदर्शन देखा:
वित्त वर्ष 2025‑26 के अप्रैल–जुलाई के दौरान यह आठों सेक्टर सिर्फ 1.6 % बढ़ पाए, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में वृद्धि 6.3 % थी।
ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने टिप्पणी की है कि कोयला उत्पादन में तेजी से घटती हुई गिरावट (जून 2024 में –6.8 % से बढ़कर जुलाई 2025 में –12.3 %) ने कोर इंडेक्स की वृद्धि को भारी असर पहुंचाया। उसने कहा, “IIP (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) की ग्रोथ जुलाई 2025 में लगभग 1.5‑2.5 % दर्ज की जा सकती है।”
| सेक्टर | जुलाई 2025 प्रदर्शन | जून 2025 / जुलाई 2024 तुलना |
| कुल इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ | 2 % (दो महीने का निचला स्तर) | जून: 2.2 %, जुलाई 2024: 6.3 % |
| कोयला उत्पादन | –12.3 % | जून में –6.8 % |
| कच्चा तेल | –1.3 % | जून में –1.2 % |
| प्राकृतिक गैस | –3.2 % | जून में –2.8 % |
| रिफाइनरी उत्पाद | –1 % | जून में +3.4 % |
| स्टील | +12.8 % | जून में +9.7 % |
| सीमेंट | +11.7 % | जून में +8.2 % |
| उर्वरक | +2 % | जुलाई 2024 में +5.3 % |
| बिजली उत्पादन | +0.5 % | जुलाई 2024 में +7.9 % |
| अप्रैल–जुलाई FY 2025‑26 | +1.6 % | पिछले वर्ष: +6.3 % |
जुलाई 2025 में आधारभूत सेक्टरों में धीमी ग्रोथ और प्रमुख ऊर्जा उत्पादों जैसे कोयला, तेल और गैस में गिरावट ने इंफ्रास्ट्रक्चर उत्सर्जन को प्रभावित किया है। हालांकि स्टील और सीमेंट ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन व्यापक सुधार के लिए ऊर्जा और प्राथमिक संसाधन क्षेत्रों में स्थिरता जरूरी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)