हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए भारत के आक्रामक कदम की शुरुआत केरल से होने जा रही है। राज्य ने कोचीन अंतरराष्टï्रीय हवाई अड्ïडा के सौर बिजली संयंत्र से ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी), एनटीपीसी, गेल इंडिया, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसीएल) और एयर प्रोडक्ट्ïस यूएसए जैसी दिग्गज ऊर्जा कंपनियों के साथ बातचीत की शुरुआत कर दी है।
राज्य सरकार की ओर से यह पहल केंद्र द्वारा इस बाबत कोई नीति लाए जाने से बहुत पहले की गई है। केंद्र की ओर से राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा के बावजूद कोई नीति सामने नहीं आई है। इस समाचार पत्र ने हाल ही में खबर दी थी कि केंद्र मांग एग्रीगेटर मॉडल के आधार पर निविदा जारी करने पर विचार कर रहा है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने अपने ताजा कैबिनेट नोट में यह प्रस्ताव दिया है कि उर्वरक, इस्पात और रिफाइनरियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों से ग्रीन हाड्रोजन की मांग को एकत्रित किया जाएगा और इसे एक बड़ी निविदा के तौर पर पेश किया जाएगा। इसे अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। जबकि केरल सरकार पहले ही राज्य में हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक दिशानिर्देश का मसौदा तैयार कर चुकी है। उसने बैलार्ड पावर और हाइजेन जैसी दुनिया की सबसे बड़ी ईंधन सेल निर्माताओं के साथ चर्चा की शुरुआत भी कर दी है।
केरल सरकार में प्रधान सचिव (परिवहन) के आर ज्योतिलाल ने कहा, ‘हम केरल में हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए आईओसी, एनटीपीसी, गेल इंडिया और एयर प्रोडक्ट्ïस यूएसए सहित तमाम कंपनियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। यह हाड्रोजन के उत्पादन में हमारे पास उपलब्ध 9.1 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा के पूर्ण उपयोग के लिए है। हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए दिशानिर्देश लेकर आने वाले हम देश में पहला राज्य हैं।’ आईओसी के एक वरिष्ठï अधिकारी ने इस बात की पुष्टिï की कि ईंधन सेल वाहनों पर प्रायोगिक कार्यक्रम के लिए दो हाइड्रोजन उत्पादन और ईंधन भरने वाले स्टेशनों की स्थापना के लिए केरल सरकार के साथ बातचीत हुई है।
केरल कोचीन हवाईअड्ïडे पर एक ग्रीन हाइड्रोजन इकाई विकसित करने के लिए वैश्विक निविदा जारी करने की योजना बना रही है।