रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि रेलवे भारत की संपत्ति है और उसका कभी निजीकरण नहीं होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिलें, रेलवे के जरिये अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, ऐसे कार्यो के लिए निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा।
लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सांसद निजीकरण और कॉर्पोरेटाइजेशन का आरोप लगाते हैं। भारतीय रेल का कभी निजीकरण नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं विश्वास दिलाता हूं कि रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी निजीकरण नहीं होगा।’
गौरतलब है कि सोमवार को चर्चा के दौरान कांग्रेस के जसबीर सिंह गिल, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर सहित कुछ अन्य सदस्यों ने रेलवे का निजीकरण करने का प्रयास किए जाने संबंधी टिप्पणी की थी। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को मंजूरी दे दी।
गोयल ने कहा कि कि मालवाहक ट्रेनें चलें और इसके लिए अगर निजी क्षेत्र निवेश करता है तो क्या इस पर विचार नहीं होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में रेलवे में लिफ्ट, एस्केलेटर एवं सुविधाओं के विस्तार की दिशा में अभूतपूर्व काम किये गए। उन्होंने कहा, ‘यदि हमें अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत धन की आवश्यकता होगी।’ रेल मंत्री ने कहा, ‘अगर निजी निवेश भी आए तो देश हित में, यात्रियों के हित में है। निजी क्षेत्र जो सेवाएं देगा, वे भारतीय नागरिकों को मिलेंगी। रोजगार मिलेंगे। देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार और निजी क्षेत्र जब मिलकर काम करेंगे, तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनाने में सफल होंगे।’ पीयूष गोयल ने कहा कि अमृतसर के लिए 230 करोड़ रुपये के निवेश के साथ योजना बनाई गई है।
हमेशा पीएसयू को बहाल करने की कवायद हुई
केंद्रीय भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सरकार ने हमेशा यह कवायद की है कि जो सार्वजनिक उपक्रम सुधर सकते हैं, उन्हें बहाल किया जाए। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जावडेकर ने कहा कि हमेशा यह कवायद रहती है कि पीएसयू की पूरी क्षमता का इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि ‘हमेशा यह सुनिश्चित करने की कवायद की ऌगई है कि जिन इकाइयों को बहाल किया जा सकता है, उन्हें बहाल किया जाए।’ सरकार ने कुछ पीएसयू की बहाली, विलय या पुनर्गठन को मंजूरी दी है। एजेंसियां