सरकार मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी), जिन्हें ड्रोन के नाम से जाना जाता है, के लिए अनिवार्य मानक तैयार कर रही है। इसका मकसद देश में इस तरह के सामान के लिए गुणवत्तायुक्त पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है।
मृदा परीक्षण, सिंचाई, फसलों की मैपिंग और कीट प्रबंधन जैसे कृषि कार्यों में व्यापक रूप इस्तेमाल हो रहे ड्रोन के लिए पहले ही मानक बनाए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि ड्रोन एग्रोकेमिकल्स के लिए अनुकूल होंगे और इनका इस्तेमाल सरल होगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से फसल की उपज बढ़ाने में मदद मिलेगी और इससे किसानों को फायदा होगा।
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि अन्य श्रेणी के ड्रोन के लिए मानक भी बन रहे हैं।भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे उभरते क्षेत्रों के लिए पहले ही मानक और परीक्षण तैयार किए हैं।