अर्थव्यवस्था

सरकार ने TSA और SNA बैंक खातों के जरिये बचाए 25,500 करोड़ रुपये: वित्त मंत्री सीतारमण

वित्त मंत्री ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस के समर्थन वाली इस सरकार ने बजट से परे उधारी जुटाई और ‘ऑयल बॉन्ड’ जारी किए थे।

Published by
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- May 27, 2024 | 10:00 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बताया कि सरकार ने अभी तक राजकोषीय बचत खाते (TSA) और सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) बैंक खातों के जरिये 25,500 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है।

सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिलसिलेवार ट्वीट कर वित्त मंत्रालय की बीते 10 वर्षों में बजट से संबंधित गतिविधियों और व्यय प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। वित्त मंत्री ने बताया, ‘हमारे बजटों में राजकोषीय समझ, पारदर्शिता और समावेश के गुण हैं और सामाजिक विकास व आधारभूत ढांचे में निवेश सुनिश्चित किया गया है।’

सीतारमण ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 22 से लेकर अब तक SNA बैंक खातों के ब्याज की बदौलत करीब 10,592 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत की गई है। हरेक केंद्रीय प्रायोजित योजना (CSS) में हरेक राज्य को चिह्नित और SNA नियुक्त किया गया और फिर संबंधित योजना के लिए जमीन स्तर पर कार्यरत एजेंसियों के लिए व्यय करने पर वर्चुअल खर्च की सीमा तय की गई।

TSA की शुरुआत 2017-18 में हुई थी। इसके तहत स्वायत्त निकायों को समय पर कोष जारी किया जाता है जिससे आज तक 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है। TSA की बदौलत बिना इस्तेमाल किए गए पार्क फंड को घटाया गया है।

सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2022 में आकस्मिक निधि 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया गया ताकि संसद सत्र नहीं जारी रहने की स्थिति में अप्रत्याशित खर्च की जरूरत को पूरा किया जा सके।

वित्त मंत्री ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस के समर्थन वाली इस सरकार ने बजट से परे उधारी जुटाई और ‘ऑयल बॉन्ड’ जारी किए थे। इससे आने वाली पीढ़ियों पर राजकोषीय भार डाल दिया गया।

उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में बजट के आंकड़ों को आकर्षक बनाने के लिए नियमित रूप से मानक राजकोषीय तरीकों में बदलाव किया गया था। सीतारमण ने कहा, ‘पारदर्शी बजट वाले देशों को आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय निकायों जैसे आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक अधिक अनुकूल नजरिये से देखते हैं। पारदर्शी बजट से वैश्विक भरोसा बढ़ सकता है।’

एनडीए सरकार ने वित्त वर्ष 22 के बाद से बजट दस्तावेज में ऑफ बजट धन योजनाओं से जुटाना खत्म कर दिया है। सीतारमण ने यह उजागर किया कि सरकार ने वित्त वर्ष 23 से अनुदान की अनुपूरक मांगों की संख्या सीमित करके दो कर दी है और यह शीतकालीन सत्र और बजट सत्र में पेश की गई थीं।

वित्त मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘इसने बजट आकलन और वित्तीय अनुशासन को बेहतर करने में ठोस सुधार किया है।’ वित्त मंत्री ने रेल बजट को आम बजट में शामिल करने के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 18 से बजट चक्र को 1 फरवरी करने से प्रशासनिक सुधार और योजनाओं को पूरा करने में सुधार हुआ है।

First Published : May 27, 2024 | 10:00 PM IST