आधार का असर ज्यादा होने के बावजूद 8 प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों, जिन्हें प्रमुख क्षेत्र कहा जाता है, की वृद्धि दर नवंबर में बढ़कर 4 माह के उच्च स्तर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो अक्टूबर की संशोधित बढ़ी वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत से अधिक है। नवंबर 2023 में प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत थी। अगस्त महीने में प्रमुख क्षेत्र का उत्पादन 42 महीनों में पहली बार संकुचित (-1.6 प्रतिशत) हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर महीने में क्रमिक आधार पर रिकवरी को सीमेंट (13 प्रतिशत), बिजली (3.8 प्रतिशत) और उर्वरक (2 प्रतिशत) के उत्पादन से बल मिला है। वहीं दूसरी ओर कोयला (7.5 प्रतिशत), रिफाइनरी उत्पाद (2.9 प्रतिशत) और स्टील (4.8 प्रतिशत) जैसे क्षेत्रों में भी प्रसार बना रहा, हालांकि इसके पहले के महीने की तुलना में वृद्धि सुस्त रही है। हालांकि कच्चे तेल (-2.1 प्रतिशत) और प्राकृतिक गैस (-1.9 प्रतिशत) के उत्पादन में इस माह के दौरान संकुचन आया है।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘सीमेंट, कोयला, स्टील, बिजली, रिफाइनरी उत्पादों और उर्वरक में नवंबर 2024 में धनात्मक वृद्धि हुई है।’
इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि नवंबर महीने में प्रमुख क्षेत्र में वृद्धि की वजह इसके पहले के महीनों में हुई भारी बारिश का असर कम होना है और सीमेंट के उत्पादन में तेज वृद्धि से प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि पर सकारात्मक असर पड़ा है। आठ प्रमुख उद्योगों की औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत होती है। इस तरह से सूचकांक पर इनका उल्लेखनीय असर होता है।
इस माह की शुरुआत में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन बढ़कर 3 माह के उच्च स्तर 3.5 प्रतिशत पर पहुंच गया था, जिसे त्योहारों के मौसम से बल मिला था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से नवंबर) में प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि 4.2 प्रतिशत रही है, जो इसके पहले के वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान 8.7 प्रतिशत थी।
नायर ने कहा, ‘आगे की स्थिति देखें तो हम उम्मीद करते हैं कि नवंबर 2024 में आईआईपी की वृद्धि 5 से 7 प्रतिशत रह सकती है, जिसे प्रमुख क्षेत्र में आई तेजी से आंशिक रूप से बल मिलेगा।’ प्रमुख उद्योगों में तेजी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर है। यह 7 तिमाही के निचले स्तर पर आ गई थी। इसकी वजह से रिजर्व बैंक व अर्थशास्त्रियों को साल के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाना पड़ा था। रिजर्व बैंक के अनुमान के मुताबिक अब वित्त वर्ष 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि पहले 7.2 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
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