डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट का सिलसिला आज थम गया। अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े आने से पहले डॉलर के कमजोर होने से रुपया का प्रदर्शन आज 7 महीने में सबसे अच्छा रहा। दिसंबर में व्यापार घाटा कम होने से भी रुपये पर सकारात्मक असर पड़ा। रुपया 28 पैसे बढ़त के साथ 86.36 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 86.30 पर आ गया था। मंगलवार को रुपया 86.64 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
डॉलर सूचकांक घटकर 109.10 रह गया जो मंगलवार को 109.27 पर था। बीते दो हफ्ते में यह 107 से चढ़कर 110 के करीब पहुंच गया था। डॉलर सूचकांक में नरमी से अधिकतर एशियाई मुद्राओं में तेजी देखी गई।
एक सरकारी बैंक के मुद्रा डीलर ने कहा, ‘डॉलर सूचकांक में नरमी आई है और विदेशी बैंकों की ओर से कुछ प्रवाह हुआ है। व्यापार घाटा भी सकारात्मक रहा है।’ उन्होंने कहा कि डॉलर सूचकांक नरम हुआ है मगर अभी भी ऊंचा बना हुआ है और डॉनल्ड ट्रंप के शपथग्रहण तक इसमें उठापटक बनी रह सकती है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के कार्यकारी निदेशक और ट्रेजरी प्रमुख अनिल भंसाली ने कहा, ‘व्यापार घाटा कम होने से रुपये को बल मिला। प्रमुख सरकारी बैंकों की ओर से डॉलर की बिकवाली से रुपया सुधरकर 86.30 पर आ गया था मगर बाद में यह 86.36 पर बंद हुआ।’
इस बीच बैंकिंग तंत्र में नकदी की स्थिति भी थोड़ी सुधरी है और नकदी की किल्लत कम होकर 2.09 लाख करोड़ रुपये रही जो सोमवार को 2.5 लाख करोड़ रुपये थी।