रिजर्व बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कम दर पर आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि रिजर्व बैंक जिन विकल्पों पर विचार कर रहा है, उनमें सरकारी प्रतिभूतियों के बदले गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए अलग ऋण नियम की व्यवस्था शामिल है, ताकि उन्हें सस्ती ब्याज दरों पर आसान कर्ज मिल सके।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक बैंक फंडों के हस्तांतरण पर लगी विभिन्न पाबंदियों की भी समीक्षा कर रहा है। केंद्रीय बैंक प्रूडेंशियल सीलिंग में भी राहत देने पर विचार कर रहा है।गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ रिजर्व बैंक की बैठक में कंपनियों ने आसान और कम ब्याज दर ऋण मुहैया कराने की मांग की, क्योंकि उनके पास नकदी की कमी है।
वहीं उनके पास करीब 20,000-25,000 करोड़ रुपये के वाणिज्यिक पेपर हैं, जिनकी मियाद जल्द ही पूरी होने वाली है। वाणिज्यिक पेपर उसे कहा जाता है, जिसके आधार पर ये कंपनियां बैंकों से अल्पकालिक ऋण लेती हैं।
रिजर्व बैंक के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, इन कंपनियों को तत्काल करीब 2,000 से 4,000 करोड़ रुपये की जरूरत है। केंद्रीय बैंक इस मामले पर विचार कर रहा है कि क्या विशेष विंडो के जरिए यह रकम दी जाए या फिर इसके लिए कोई दूसरा रास्ता निकाला जाए।
सूत्रों के मुताबिक, ऋण की जरूरत पिछले कुछ समय से तेजी से विकास कर रही तीन-चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को है। दरअसल, इन कंपनियों की पूंजी बड़ी मात्रा में शेयर बाजार, रियलिटी और कमोडिटी बाजार में लगी हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, इन कंपनियों को आसान ऋण मुहैया कराने पर इसलिए विचार किया जा रहा है, क्योंकि अगर ये कंपनियां बर्बाद हुईं, तो अन्य क्षेत्रों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।
सूत्रों का कहना है कि रिजर्व बैंक को यह कदम इसलिए नहीं उठाना पड़ रहा है कि बाजार में नकदी की किल्लत है, बल्कि समस्या यह है कि बैंक इन कंपनियों को ऋण देने से मना कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इन कंपनियों ने काफी मात्रा में पैसा शेयर बाजार और रियलिटी क्षेत्र में लगा रखा है, जिसमें भारी गिरावट चल रही है। ऐसे में अगर इन कंपनियों को ऋण दिया गया, तो नकदी की किल्लत की स्थिति और बिगड़ सकती है।
रोकड़ा मिटाएगा रोग
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को आसान ऋण मुहैया कराने की कवायद
रिजर्व बैंक विभिन्न विकल्पों पर कर रहा है विचार
गैर-बैंकिंग कंपनियों का शेयर बाजार और रियलिटी क्षेत्र में फंसा है काफी पैसा
बैंक इन कंपनियों को ऋण देने से कर रहे हैं इनकार