मंदी के माहौल में सितंबर माह की औद्योगिक विकास दर का आंकड़ा भले ही थोड़ी उम्मीद लेकर आया हो मगर साथ ही आने वाले खतरे की बुरी खबर भी लाया है।
आंकड़ों से पता चलता है कि मंदी से जूझने के बाद भी अगस्त माह की तुलना में सितंबर माह में उद्योगों की सेहत में सुधार तो आया है। लेकिन कंपनियों के घटते उत्पादन और निर्यात में गिरावट के चलते अक्टूबर में इसके धराशायी होने की पूरी आशंका है।
सरकार की ओर से जारी सितंबर माह में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 4.8 फीसदी रही, जबकि इसी साल अगस्त माह में यह वृद्धि दर 1.3 फीसदी रही थी। हालांकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले विकास दर में अच्छी-खासी गिरावट आई है।
पिछले साल सितंबर में औद्योगिक विकास दर करीब 7 फीसदी रही थी। विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर सितंबर माह में करीब 4 फीसदी रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 7.4 फीसदी रही थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में विनिर्माण क्षेत्र की भागीदारी सबसे ज्यादा होती है।