मुख्य आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल का मानना है कि ज्यादातर एजेंसियों ने 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर को कम करके आंका है। सान्याल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘मुझे लगता है कि लोगों ने 2020-21 के लिए वृद्धि को कम करके आंका है। ज्यादातर अनुमानों, जिन्हें मैंने देखा है, उसमें कम अनुमान रखा गया है।’
उन्होंने कहा कि एजेंसियां अपने अनुमान के मुताबिक कह सकती हैं, लेकिन हकीकत यह है कि उनमें से ज्यादातर एजेंसियां अगले साल अपने अनुमान में संशोधन कर उसे बढ़ाएंगी। उन्होंने कहा, ‘ऐसा करते समय उनका तर्क होगा कि कम आधार के कारण ऐसा है, लेकिन आधार सबको पता है। ऐसे में आप तब तक रुक सकते हैं, जब वे ऐसा करती हैं।’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए वित्त मंत्रालय का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान की तर्ज पर है।
रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत संकुचन आएगा। रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 9.8 प्रतिशत गिरावट आएगी, तीसरी मिताही में 5.6 प्रतिशत गिरावट आएगी जबकि चौथी तिमाही में जीडीपी में 0.5 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की ऐतिहासिक गिरावट आई थी। रिजर्व बैंक ने यह भी अनुमान लगाया है कि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 20.6 प्रतिशत की तेजी आएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि अगले वित्त वर्ष के दौरान बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से बढ़ता देश हो सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था थी, लेकिन बाद में चीन आगे निकल गया। उदाहरण के लिए 2019-20 में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था में 2019 में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। चालू वित्त वर्ष में जहां आईएमएफ ने भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट का अनुमान लगाया है, 2020 में चीन की अर्थव्यवस्था में 1.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
बहरहाल आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.8 प्रतिशत रहेगी, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत बढ़़ेगी।
विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है, लेकिन कहा है कि वित्त वर्ष 22 में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रहेगी। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने इस वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत गिरावट, जबकि अगले वित्त वर्ष में 9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है।
