वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह बेहतर रहने की आस के बावजूद राजस्व सचिव तरुण बजाज को लगता है कि केंद्र का अप्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से कम कर रह सकता है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 13.38 लाख करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है।
बजाज ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि वित्त वर्ष 2023 में अप्रत्यक्ष कर राजस्व उत्पाद एवं सीमा शुल्क में कटौती की वजह से बजट अनुमान से कम रह सकता है। उन्होंने कहा कि शुल्क में कटौती की वजह से अप्रत्यक्ष कर संग्रह अनुमान से 1.5 लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है।
सरकार ने पिछले महीने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटा दिया था और और सूरजमुखी तथा सोयाबीन तेल जैसे कुछ उत्पादों पर सीमा शुल्क भी कम किया गया था। तमाम उत्पादों की बढ़ती महंगाई देखकर सरकार ने शुल्क में कटौती की थी। अप्रैल में खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति करीब 8 साल के उच्च स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई थी।
प्रत्यक्ष कर संग्रह के बारे में बजाज ने 8कहा, ‘तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा कम भुगतान किए जाने के कारण अग्रिम कर संग्रह (15 जून तक देय) पर कुछ असर दिख सकता है। आम तौर पर अप्रत्यक्ष कर भुगतान में तेल मार्केटिंग कंपनियों का अहम योगदान होता है।’ मगर उन्होंने कहा कि कर संग्रह की स्थिति जून के मध्य में ज्यादा स्पष्ट हो सकती है।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी के मद्देनजर तेल मार्केटिंग कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि बढ़ी हुई लागत का पूरा भार वह ग्राहकों पर नहीं डाल पा रही हैं।
अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष के अंत के बजाय पूरे वित्त वर्ष में चार किस्तों में किया जाता है। इसे अर्थव्यवस्था के संकेतक के तौर पर भी देखा जाता है।
राजस्व सचिव ने कहा कि सरकार को जीएसटी संग्रह बेहतर रहने की पूरी उम्मीद है। बजाज ने कहा, ‘जीएसटी राजस्व बजट अनुमान से बेहतर रहेगा और औसत मासिक संग्रह 1.4 से 1.5 लाख करोड़ रुपये के दायरे में रह सकता है।’
जीएसटी संग्रह में राज्यों का भी हिस्सा शामिल होता है और अप्रैल में यह रिकॉर्ड 1.67 लाख करोड़ रुपये रहने के बाद मई में 1.41 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान 13.38 लाख करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष कर राजस्व का अनुमान लगाया है। उत्पाद और सीमा शुल्क में कटौती के बाद अप्रत्यक्ष कर संग्रह 11.78 लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है।
वित्त वर्ष 2023 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 14.2 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। सूत्रों के अनुसार 31 मई तक केंद्र सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 1.95 लाख करोड़ रुपये रहा है। बजट में वित्त वर्ष के दौरान कुल कर संग्रह 27.58 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 25.16 लाख करोड़ रुपये से 9.6 फीसदी अधिक है।
