अर्थव्यवस्था

आंख मूंदकर स्वीकार नहीं कर सकते FDI: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

पड़ोसी देशों की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 23, 2024 | 10:34 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ अति संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा उपाय के लिए भारत राष्ट्रीय हित में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर बंधन लगाएगा। मंगलवार को अमेरिका के व्हार्टन बिजनेस स्कूल में एक संवाद के दौरान वित्त मंत्री ने यह कहा।

सीतारमण ने कहा, ‘मैं सिर्फ इसलिए आंख बंद करके एफडीआई स्वीकार नहीं कर सकती, क्योंकि हमें निवेश की जरूरत है। देखना होगा कि यह कहां से आ रहा है। हम कारोबार चाहते हैं, हम निवेश चाहते हैं, लेकिन हमें कुछ सुरक्षा उपाय भी करने होंगे क्योंकि भारत ऐसे पड़ोसियों से घिरा है, जो बहुत ही संवेदनशील हैं।’

वित्त मंत्री की प्रतिक्रियाय ऐसे समय में आई है, जब रूस में तातारस्तान की राजधानी कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के बीच ब्रिक्स के दौरान बैठक हो रही है। सीतारमण ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा लागू किए गए खुलासा मानदंड, अंतिम लाभार्थी के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘कभी-कभी अंतिम लाभार्थी चिंता का विषय होता है, न कि इसलिए कि वह कौन है, बल्कि इसलिए कि वह कहां है।’

उन्होंने कहा कि तमाम देशों में ऐसे कानून हैं, जिनके माध्यम से ऐसी चीजों पर नियंत्रण लगाया जाता है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘अन्यथा एफडीआई का स्वागत है और हमने इसे खोला है। नियमन कम करने के मामले में सेबी बहुत प्रगतिशील है।’

सीतारमण ने कहा कि भारत जिस दर से वृद्धि हासिल करना चाहता है, उसे 100 अरब डॉलर निवेश की जरूरत पड़ सकती है। इस समय आंकड़े 70 से 80 अरब डॉलर के बीच हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह उतना है, जितना अर्थव्यवस्था में इस्तेमाल हो सकता है। यह सुधर रहा है।’

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए वित्त मंत्री इस समय वाशिंगटन डीसी में हैं। 2047 तक विकसित देश बनने की भारत की यात्रा को लेकर सीतारमण ने कहा कि बुनियादी ढांचा, निवेश, नवोन्मेष और समावेशिता नरेंद्र मोदी सरकार के ध्यान के 4 केंद्र हैं, जिससे यह लक्ष्य हासिल करना है।

उन्होंने कहा, ‘अगर आप देखें कि भारत कितना आगे बढ़ा है तो भारत एक अहम पड़ाव पर है। इन 4 लक्ष्यों से 2047 तक भारत के विकसित होने की राहत तैयार होगी।’

First Published : October 23, 2024 | 10:34 PM IST