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फिर बंटा मोटा माल, पर नहीं बन रही ताल

Last Updated- December 08, 2022 | 12:07 AM IST

बाजार में नकदी की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार हर तरफ उपाय कर रही है, ताकि मंदी का असर गहरा न हो।


इसी कवायद में रिजर्व बैंक की ओर से बुधवार को नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1 फीसदी और कटौती की घोषणा की गई। रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि इस कदम से बाजार में करीब 40,000 करोड़ रुपया पहुंचेगा, जिससे तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी। सीआरआर में एक फीसदी कटौती से यह घटकर 6.5 फीसदी रह जाएगी।

सुब्बाराव के मुताबिक, घटी हुई दर 11 अक्टूबर से ही लागू मानी जाएगी। बाजार के जानकारों के मुताबिक, सरकार के इस कदम से बाजार में नकदी की किल्लत दूर हो सकती है।

झोली खुली, लेने वाले नदारद

रिजर्व बैंक की ओर से म्युचुअल फंडों की नकदी की किल्लत दूर करने के लिए जो विशेष अल्पकालिक ऋण सुविधा उपलब्ध कराई थी, उसे बैंकों न ने हाथों-हाथ नहीं लिया।

इसकी वजह से रिजर्व बैंक को इस योजना का विस्तार करने को मजबूर होना पड़ा। आरबीआई की ओर से इस योजना की सीमा तब तक बढ़ाने की घोषणा की गई है, जब तक म्युचुअल फंड को ऋण देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये को पूर्ण अभिदान प्राप्त न हो जाए। 14 दिन की विशेष सुविधा अगली सूचना आने तक पेश की जाएगी।

First Published - October 16, 2008 | 1:13 AM IST

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