वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) घटकर 1.2 प्रतिशत रह गई। जुलाई-सितंबर अवधि के दौरान कमजोर फसल गतिविधि की वजह से जीवीए वृद्धि में नरमी आई।
अब सभी की नजरें इस पर टिकी रहेंगी कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि अगली तिमाहियों में कैसी रहेगी, क्योंकि 2023 के खरीफ उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान में अल नीनो की वजह से अनाज उत्पादन में 4.52 प्रतिशत कमी आने की आशंका जताई गई है।
इस बीच, मौजूदा कीमतों में जीवीए वृद्धि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए 7.2 प्रतिशत पर कुछ हद तक बेहतर थी, हालांकि बुनियादी कीमतों और मौजूदा कीमतों, दोनों पर कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दूसरी तिमाही जीवीए वृद्धि पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में कम थी।
दूसरी तिमाही में कृषि में स्थिर कीमतों में जीवीए वृद्धि एमओएसपीआई की निगरानी वाले सभी क्षेत्रों में सबसे कम थी। वित्त वर्ष 2023 में, एमओएसपीआई के दूसरी तिमाही के आंकड़े से पता चलता है कि कृषि और संबंधित क्षेत्रों में वृद्धि (स्थिरत कीमतों के संदर्भ में) 2.5 प्रतिशत थी, जबकि मौजूदा कीमतों पर यह 13.6 प्रतिशत रही।
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में, जुलाई से सितंबर के महीनों में खरीफ की बोआई तेज हो जाती है और ज्यादातर रबी फसल बिक्री के लिए मंडियों में आ जाती है। 2023 में मॉनसून विलंब से शुरू होने से बोआई प्रभावित हुई जिससे मौजूदा आंकड़ों में किसी खरीफ फसल के शामिल होने की संभावना कम है।
इस बीच, केंद्र सरकार ने 2023-24 खरीफ सत्र के लिए अक्टूबर में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में असमान बारिश की वजह से कई फसलों के लिए हालात अस्पष्ट रहने की आशंका जताई। इसका असर अगली तिमाहियों के जीवीए आंकड़ों और ग्रामीण एवं कृषि आय पर भी पड़ सकता है।
पहले अग्रिम अनुमान से पता चला है कि खरीफ सीजन के दौरान सबसे ज्यादा उपजाए जाने वाले धान का उत्पादन 2023-24 सीजन में 3.79 प्रतिशत तक घटकर 10.631 करोड़ टन रह सकता है।
इससे पहले अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के आकलन में कहा गया था कि इस खरीफ सत्र में धान उत्पादन कम से कम 20 लाख टन तक घट सकता है। बयान में कहा गया है कि धान उत्पादन पिछले कुछ वर्षों के औसत उत्पादन के मुकाबले ज्यादा रहने का अनुमान है।