facebookmetapixel
Reliance Jio के यूजर्स दें ध्यान! इन प्लान्स के साथ मिलेंगे Netflix, Amazon और JioHotstar फ्री, जानें डिटेल्सअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाटाटा शेयर को मिलेगा Gen-Z का बूस्ट! ब्रोकरेज की सलाह- खरीदें, 36% अपसाइड का ​टारगेटJ&K के किसानों को बड़ी राहत! अब रेलवे कश्मीर से सीधे दिल्ली पार्सल वैन से पहुंचाएगा सेब, ‍13 सितंबर से सेवा शुरूITR Filing 2025: क्या इनकम टैक्स रिटर्न में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से हुई आय के बारे में बताना जरूरी है?मुश्किल में अदाणी! रिश्वत केस सुलझाने की कोशिश ठप, आखिर क्यों आई ऐसी नौबतUP: नए बिजली कनेक्शन के नियमों में बड़ा बदलाव, लगाए जाएंगे सिर्फ स्मार्ट प्रीपेड मीटरभारत पर लगने जा रहा था 100% टैरिफ? क्या हुई ट्रंप और EU के बीच बातचीतयूपी सरकार की नई पहल, कृषि‑पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘फार्म‑स्टे’ योजना₹10 से कम कीमत वाले ये 5 पैनी स्टॉक्स 48% तक दे सकते हैं रिटर्न, चार्ट पर दिखा ब्रेकआउट

FY24 में 3% घटा निर्यात; इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा सेक्टर ने अड़चनों के बावजूद किया अच्छा प्रदर्शन

Indian exports: कोयला, पेट्रोलियम उत्पाद, सोना, उर्वरक आदि का आयात घटने से आयात में कमी आई है। वित्त वर्ष 2024 में आयात 5.41 फीसदी बढ़कर 677 अरब डॉलर रहा।

Last Updated- April 15, 2024 | 11:03 PM IST
Cargo handling increased at major ports, record 795 million tonnes of cargo handled in 2022-23

लगातार तीन महीने बढ़ने के बाद मार्च में देश से वस्तुओं का निर्यात 0.67 फीसदी घटकर 41.68 अरब डॉलर रहा। जिंसों की कीमतों में गिरावट और भू-राजनीतिक चुनौतियां बनी रहने का असर निर्यात पर पड़ा है।

वा​णिज्य विभाग द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में मार्च सातवां महीना रहा, जब निर्यात में कमी आई। पिछले वित्त वर्ष में कुल निर्यात 3.11 फीसदी घटकर 437.06 अरब डॉलर रहा। 2023-24 में गिरावट आने से पहले ​लगातार दो वित्त वर्ष में निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी हुई थी।

मगर वा​णिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने भरोसा जताया कि निर्यात सकारात्मक वृद्धि की ओर बढ़ रहा है और कैलेंडर वर्ष 2024 में खास तौर पर ऐसा दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘व्यापार के लिहाज से वित्त वर्ष 2024 वाकई काफी मु​​श्किल भरा था। रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ ही अन्य इलाकों में भी संघर्ष के मामले बढ़ रहे थे। लाल सागर, पनामा नहर क्षेत्र में भी संकट बना था। मंदी के संकेत भी दिख रहे थे मगर हमने सभी अड़चनें लांघ लीं।’

बड़थ्वाल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं, दवाओं और फार्मास्युटिकल क्षेत्र ने इन अड़चनों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया। मार्च में निर्यात घटा भले ही हो मगर मगर वित्त वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा मूल्य का निर्यात इसी महीने हुआ।

आंकड़ों के अनुसार निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा घटने से मार्च में व्यापार घाटा कम होकर 15.6 अरब डॉलर रह गया, जो 11 महीने का सबसे कम आंकड़ा है। पिछले वित्त वर्ष में कुल व्यापार घाटा 240 अरब डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 2023 में 265 अरब डॉलर था। बड़थ्वाल के अनुसार गैर-जरूरी आयात पर सरकार का अंकुश व्यापार घाटे में कमी का सबसे बड़ा कारण था।

मार्च में 57.28 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया गया, जो मार्च 2023 की तुलना में करीब 6 फीसदी कम है। कोयला, पेट्रोलियम उत्पाद, सोना, उर्वरक आदि का आयात घटने से आयात में कमी आई है। वित्त वर्ष 2024 में आयात 5.41 फीसदी बढ़कर 677 अरब डॉलर रहा।

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में आयात में गिरावट की बड़ी वजह तेल का कम आयात था। कच्चे तेल की कीमतें कम रहने से बीते वित्त वर्ष तेल के आयात पर 14.1 फीसदी कम खर्च हुआ। उन्होंने कहा, ‘लेकिन वित्त वर्ष 2024 में सोने का आयात 30.1 फीसदी बढ़ा, जबकि वित्त वर्ष 2023 में इसमें 24.2 फीसदी की गिरावट आई थी। निवेश मांग बढ़ने से सोने के आयात में भी इजाफा हुआ है।’

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री और शोध एवं आउटरीच प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 को देखें तो निर्यात की तुलना में वस्तुओं का आयात अधिक घटा, जिस कारण व्यापार घाटा 11 महीने में सबसे कम रहा।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में यह चालू खाते के घाटे के लिए अच्छा संकेत हो सकता है और इस तिमाही में 1 से 2 अरब डॉलर का व्यापार अ​धिशेष रह सकता है। मार्च में सेवाओं का निर्यात भी 6.25 फीसदी घटकर 28.54 अरब डॉलर रहा, जबकि इनका आयात 6.57 फीसदी कम होकर 15.84 अरब डॉलर रहा। इस कारण सेवाओं में 12.69 अरब डॉलर का अ​धिशेष रहा। जनवरी के लिए सेवा व्यापार का आंकड़ा अनुमानित है, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक बाद में संशोधन करेगा।

वित्त वर्ष 2024 में देश से वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात महज 0.04 फीसदी बढ़कर 776.68 अरब डॉलर रहा। सबनवीस ने कहा, ‘वै​श्विक अर्थव्यवस्था में सुधार आने पर वित्त वर्ष 2025 में हमें वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में तेजी की उम्मीद है। देश में मांग बढ़ने से आयात भी बढ़ सकता है।

जिंसों के अंतरराष्ट्रीय दाम ​स्थिर हैं मगर भू-राजनीतिक संघर्ष बढ़ने से जो​खिम बना हुआ है।’निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अ​श्वनी कुमार ने कहा कि प​श्चिम ए​शिया में हालिया तनाव, खास तौर पर लाल सागर में जहाजों की आवाजाही का जो​खिम बना हुआ है, जिससे निर्यातक चिंतित हैं। इसकी वजह से मालभाड़े के साथ बीमा भी महंगा हो गया है।

 

First Published - April 15, 2024 | 10:16 PM IST

संबंधित पोस्ट