वैश्विक मंदी की चपेट में पूरी तरह फंस चुके पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति चरमरा-सी गई है।
यही वजह है कि भारतीय बैंक पाकिस्तानी बैंकों की ओर से जारी साख-पत्र को स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं। इसकी वजह से भारतीय निर्यात कारोबार, खासकर पाकिस्तान भेजे जाने वाले सामान में भी गिरावट आई है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 10 से 15 दिनों में पाकिस्तान को कोई निर्यात ऑर्डर नहीं आया है। उन्होंने बताया कि दो हफ्तों से पाकिस्तान से निर्यात कारोबार में स्थिरता बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि साख-पत्र के जरिए निर्यातकों को ऑर्डर का भुगतान किया जाता है। उदाहरण के तौर पर पाकिस्तान में बैठा आयातक अपने बैंक से कहता है कि वह भारत के निर्यातक को साख-पत्र जारी करे, ताकि निर्यातक उसका इस्तेमाल भुगतान प्राप्त करने में कर सके।
लेकिन भारतीय बैंकों का मानना है कि पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है और वहां के बैंक दिवालिया हो सकते हैं, क्योंकि पाकिस्तानी बैंकों को फंड नहीं मिल पा रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि दुबई के जरिए पाकिस्तानी निर्यात पर भी असर पड़ रहा है।
दरअसल, भारतीय बैंकों का मानना है कि दुबई के जो बैंक, पाकिस्तानी आयातकों को साख-पत्र जारी करते हैं, उनकी भी वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। पाकिस्तान के साथ कारोबार करने वाले भारत के निर्यातकों के कुल कारोबार का करीब 40 फीसदी साख-पत्र के जरिए ही होता है। ऐसे में निर्यात कारोबार पर असर पड़ने की पूरी संभावना है।
करीब 2000 वस्तुएं भारत से पाकिस्तान निर्यात की जाती हैं। इनमें सबसे ज्यादा कृषि उत्पाद, टायर, ऑटो पाट्र्स केमिकल और दवाइयों का निर्यात किया जाता है। वर्ष 2007-08 में करीब 2 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया गया।
अन्य देशों के बैंकों के साथ भी ऐसी ही समस्या है। इनमें ईरान के बैंक भी शामिल हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस के महानिदेशक अजय शाही का कहना है कि अच्छी वित्तीय स्थिति ओर प्रतिष्ठित बैंकों के साथ ऐसी समस्या नहीं है।