facebookmetapixel
BFSI Summit: भारत का वित्तीय क्षेत्र सबसे मजबूत स्थिति में, सरकार और आरबीआई ने दी जिम्मेदार वृद्धि की नसीहत2025 बनेगा भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ वर्ष, BFSI समिट में बोले विदेशी बैंकरBFSI Summit: अधिग्रहण के लिए धन मुहैया कराने में नए अवसर देख रहा है बैंकिंग उद्योगBSFI Summit: ‘एमएफआई के दबाव से जल्द बाहर निकल आएंगे स्मॉल फाइनैंस बैंक’BFSI Summit: दुनिया के शीर्ष 20 में से भारत को कम से कम 2 देसी बैंकों की जरूरतBFSI Summit: तकनीक पर सबसे ज्यादा खर्च करने वालों में शुमार है स्टेट बैंक- शेट्टीBFSI Summit: वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि दर 7 प्रतिशत से अधिक रहे तो मुझे आश्चर्य नहीं – सीईए अनंत नागेश्वरनBFSI Summit: बीएफएसआई की मजबूती के बीच MSMEs के लोन पर जोरBFSI Summit: कारगर रहा महंगाई का लक्ष्य तय करना, अहम बदलाव की जरूरत नहीं पड़ीBFSI Summit: बढ़ती मांग से कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार सुस्त

तकनीकी उत्पादों पर शुल्क का मामला, भारत के साथ विवाद के बीच नरम पड़ा यूरोपीय संघ

डब्ल्यूटीओ में अपील इकाई नहीं होने पर भी कोई देश अपील करता है तो EU उसके खिलाफ जवाबी शुल्क (सीमा शुल्क या अन्य शुल्क) लगा सकता है।

Last Updated- December 20, 2023 | 11:02 PM IST
cordial bilateral relations between India and Moldova.

तकनीकी उत्पादों पर शुल्क के मसले पर भारत के साथ विवाद में यूरोपीय संघ (EU) का रुख नरम पड़ा है। ईयू ने कहा कि वह तकनीकी उत्पादों पर भारत के साथ जारी विवादों का संतोषजनक समाधान पसंद करेगा मगर उसके पास इन उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने का भी अधिकार है। विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने इस मामले में ईयू के पक्ष में आदेश दिया है, जिसके खिलाफ भारत ने अपील की है।

यूरोपीय संघ का नियम है कि डब्ल्यूटीओ में अपील इकाई नहीं होने पर भी कोई देश अपील करता है तो संघ उसके खिलाफ जवाबी शुल्क (सीमा शुल्क या अन्य शुल्क) लगा सकता है।

संघ के एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस समय डब्ल्यूटीओ में अपील सुनने वाली कोई संस्था नहीं है, इसलिए भारत की अपील का कोई मतलब ही नहीं है और मामला लटक गया है। ऐसे में ईयू अपने अधिकारों की रक्षा के नियम का इस्तेमाल कर जवाबी शुल्क लगा सकता है। मगर हम भारत के साथ विवाद का संतोषजनक समाधान करना चाहते हैं।’

यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब डब्ल्यूटीओ के  दूसरे सबसे बड़े विवाद निपटान पंचाट ने 17 अप्रैल को आदेश दिया था कि भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी और मोबाइल सहित दूरसंचार उपकरणों पर शुल्क लगाकर वैश्विक समझौते का उल्लंघन किया है। भारत ने आदेश के खिलाफ अपील कर दी।

यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा कि डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटान इकाई की बैठक 18 दिसंबर को बैठक होनी थी, जिसमें इस मामले पर समिति की रिपोर्ट स्वीकार की जा सकती थी।

इस संबंध में बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवाल पर संघ के अधिकारियों में कहा, ‘रिपोर्ट स्वीकार कर ली जाती तो भारत को इसकी सिफारिश माननी पड़ती यानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से जुड़े सभी उत्पादों से शुल्क हटाना पड़ता। मगर भारत ने इस बैठक से पहले ही अपील दायर कर दी।’

वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि डब्ल्यूटीओ द्वारा तय मियाद के भीतर ऐसा समाधान नहीं हो पाया, जो दोनों पक्षों को मंजूर होता।

First Published - December 20, 2023 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट